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राम से शुरू…जय सियाराम पर खत्म हुआ PM मोदी का ऐतिहासिक संबोधन, 114 बार लिया राम का नाम, कहीं ये बातें

PM Modi in Ayodhya: आज के इस अवसर पर जो दैव, जो दैवीय आत्माएं हमें आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हुई हैं, हमें देख रही हैं, उन्हें क्या हम ऐसे ही विदा करेंगे? नहीं, कदापि नहीं.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद PM Modi का बड़ा ऐलान, जानें क्या

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

PM Modi in Ayodhya: श्री राम नगरी अयोध्‍या में पुर्नस्‍थापित राम जन्‍मभूमि के गर्भगृह में आज रामलला की प्राण-प्रतिष्‍ठा हो गई. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साधु-संतों की अगुवाई में अनुष्‍ठान संपन्‍न कराया. इसके बाद उन्‍होंने आमजन को संबोधित किया. संबोधन शुरू करते हुए PM मोदी बोले- “सियावर रामचंद्र की जय… आज हमारे राम आ गए हैं.”

‘कितना कुछ कहने को है, लेकिन कंठ अवरुद्ध है’

PM मोदी ने भगवान का जयकारा लगाया. उन्‍होंने कहा- “इस शुभ घड़ी की आप सभी और समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई. मैं अभी गर्भगृह में ऐश्वर्य चेतना का साक्षी बनकर आप सबके सामने उपस्थित हुआ हूं. कितना कुछ कहने को है, लेकिन कंठ अवरुद्ध है.”

‘यह माहौल, यह घड़ी हम सब पर प्रभु श्री राम का आशीर्वाद है’

PM मोदी ने कहा, “हमारे राम लला अब टेंट में नहीं रहेंगे, वे अब दिव्य मंदिर में रहेंगे. मेरा पक्का विश्वास है कि जो घटित हुआ है उसकी अनुभूति देश और दुनिया के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी. यह क्षण अलौकिक है… यह माहौल, यह घड़ी हम सब पर प्रभु श्री राम का आशीर्वाद है.”

‘आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है, हम इस पल को जी रहे हैं’

PM मोदी ने कहा, “आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है, आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है. आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे. और, ये कितनी बड़ी रामकृपा है कि हम इस पल को जी रहे हैं, इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं.

‘हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग, तपस्या में कुछ कमी रह गयी थी’

PM मोदी ने कहा, “मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं. हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गयी होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य नहीं कर पाए. आज वो कमी पूरी हुई है. मुझे विश्वास है, प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे.”

‘देशवासियों ने रामलला के लिए सैकड़ों वर्षों तक वियोग सहा’

PM मोदी ने कहा, “प्रभु का आगमन देखकर ही सब अयोध्यावासी, समग्र देशवासी हर्ष से भर गए. लंबे वियोग से जो विपत्ति आई थी, उसका अंत हो गया. उस कालखंड में वो वियोग तो केवल 14 वर्षों का था, तब भी इतना असह्य था. इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है. हमारी कई-कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है.”

‘भारत की न्यायपालिका ने न्याय की लाज रख ली’

PM मोदी ने कहा, “संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली. मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का, जिसने न्याय की लाज रख ली. न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्यायबद्ध तरीके से ही बना. हमारे लिए ये अवसर सिर्फ विजय का नहीं, विनय का भी है.”

‘हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है’

PM मोदी ने कहा, “आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है. यह सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है। हजारों वर्ष बाद की पीढ़ी राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी इसलिए मैं कहता हूं यही समय है, सही समय है.”

‘हर युग में लोगों ने राम को जीया है’

PM मोदी ने कहा, “हर युग में लोगों ने राम को जीया है. हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है. यह राम रस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है.”

PM मोदी ने भगवान राम का गुणगान किया-

“राम आग नहीं, राम ऊर्जा हैं.
राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं.
राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, राम तो सबके हैं.
राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंतकाल हैं.”

यह भी पढ़ें- Ayodhya: ऐसे हुई रामलला के मूर्तरूप की प्राण-प्रतिष्‍ठा…तस्‍वीरों में देखिए PM मोदी, CM योगी और रामजन्‍मभूमि के पुजारी का अनुष्‍ठान

‘भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए लोग’

वो भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी. ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए. रामलला के इस मंदिर का निर्माण, भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है.  हम देख रहे हैं, ये निर्माण किसी आग को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है.

PM मोदी राम मंदिर के बारे में बोले-

ये मंदिर, मात्र एक देव मंदिर नहीं है.
ये भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है.
ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है.
राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं.
राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं.
राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं.
राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं.
राम प्रवाह हैं, राम प्रभाव हैं.
राम नेति भी हैं, राम नीति भी हैं.
राम नित्यता भी हैं, राम निरंतरता भी हैं.
राम विभु हैं, विशद हैं.
राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं.

‘श्रीराम का भव्य मंदिर तो बन गया…अब आगे क्या?’

आज अयोध्या भूमि हम सभी से, प्रत्येक रामभक्त से, प्रत्येक भारतीय से कुछ सवाल कर रही है.
श्रीराम का भव्य मंदिर तो बन गया…अब आगे क्या?
सदियों का इंतजार तो खत्म हो गया…अब आगे क्या?
आज के इस अवसर पर जो दैव, जो दैवीय आत्माएं हमें आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हुई हैं, हमें देख रही हैं, उन्हें क्या हम ऐसे ही विदा करेंगे?
नहीं, कदापि नहीं.
आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है.
ये सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है.
हज़ार वर्ष बाद की पीढ़ी, राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी.
इसलिए मैं कहता हूं- यही समय है, सही समय है.
हमें आज से, इस पवित्र समय से, अगले एक हजार साल के भारत की नींव रखनी है.

निर्माण दल का हिस्सा रहे कार्यकर्ताओं पर फूलों की वर्षा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर परिसर में स्थित कुबेर टीला स्थित शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की. इसके बाद जटायु की मूर्ति पर फूल अर्पित किए. प्रधानमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण दल का हिस्सा रहे कार्यकर्ताओं पर फूलों की वर्षा की. अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पहुंचे अतिथियों का अभिवादन किया.

– भारत एक्‍सप्रेस

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