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नेमप्लेट विवाद: बाबा रामदेव बोले ‘सबके पूर्वज हिंदू, नाम छिपाना अनुचित’

योग गुरु बाबा रामदेव ने कांवड़ यात्रा से पहले नेमप्लेट विवाद पर कहा कि सभी मुसलमानों के पूर्वज हिंदू हैं, इसलिए नाम छिपाने में कुछ गलत नहीं है. उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपने धर्म पर गर्व करने और नाम छुपाने से बचने की अपील की.

Baba-Ramdev

योग गुरु बाबा रामदेव (फाइल फोटो)

कांवड़ यात्रा से पहले ‘नेमप्लेट विवाद’ पर योग गुरु बाबा रामदेव ने बड़ा बयान दिया है. बाबा रामदेव ने कहा है कि सभी मुसलमानों के पूर्वज हिंदू ही हैं, इसलिए नाम छिपाने में कुछ नहीं रखा है. बाबा रामदेव ने शिवभक्तों से भी खास अपील की है.

मुस्लिम समुदाय को अपने धर्म पर गर्व करने की अपील

बाबा रामदेव ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “जैसे रामदेव को हिंदू होने पर गर्व है, वैसे ही मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपने मुस्लिम होने पर गर्व होना चाहिए. सभी मुसलमानों के पूर्वज हिंदू ही हैं. इसलिए नाम छिपाने में कुछ नहीं रखा है. नाम बताना चाहिए, अगर किसी की मर्जी होगी तो वो खाना खाने आएगा, इसलिए नाम छिपाना न मजहब की दृष्टि से उचित है, न धार्मिक स्थिति और न व्यवहारिक दृष्टि से उचित है.”

उन्होंने कहा कि सबको अपने-अपने मातृवंश और मजहब पर गौरव होना चाहिए. मुस्लिम भाइयों को किसी तरह से भी अपना मजहब नहीं छिपाना चाहिए. योग गुरु रामदेव बाबा ने कांवड़ यात्रियों से भी अपील की है.

उन्होंने कहा, “कांवड़ लेकर चलने वाले लोग भगवान शिव के सच्चे भक्त हैं. भगवान शिव पवित्रता के प्रतीक हैं और सनातन धर्म के सबसे बड़े देवताओं में से एक ‘आदि योगी’ हैं. इसलिए शिव भक्तों को संयम और धैर्य का परिचय देना चाहिए. अगर किसी को बीड़ी-सिगरेट, शराब पीने या भांग जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करने की लत है तो उन्हें इस बार कांवड़ लेकर चलते समय भगवान भोलेनाथ को अपनी सारी बुराइयां अर्पित करनी चाहिए. उन्हें व्यसन मुक्त जीवन जीने का संकल्प लेना चाहिए.”

धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का संदेश

‘भाषा विवाद’ पर योग गुरु ने कहा, “भाषा और अलग-अलग जाति के आधार पर हम हिंदू लड़ते हैं तो उससे हिंदू एकता, राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर आंच आती है. इसलिए हम सबको भारतवासी होकर एकजुट रहना चाहिए. हमारी एकता में ही राष्ट्रीय एकता और अखंडता अक्षुण्य रहेगी.”

उन्होंने आगे कहा, “हिंदुत्व का जो मूल दर्शन है, हमें उसे ही समझना है. हम सब एक ही ईश्वर की संतान हैं. भाषाएं अलग हो सकती हैं, रीति-रिवाज भिन्न हो सकते हैं और जाति-वर्ग अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन अभेद दृष्टि को ही हमने जीया है और यही हिंदुत्व है। वेद भी यही कहते हैं.”


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भारत एक्सप्रेस



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