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वन नेशन वन इलेक्शन की बैठक में शामिल होने पहुंचीं बांसुरी स्वराज, ‘नेशनल हेराल्ड की लूट’ वाला बैग बना चर्चा का विषय, जानें पूरा मामला

बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बैठक के दौरान संसद परिसर में ‘नेशनल हेराल्ड की लूट’ लिखा बैग लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. जानिए क्या है पूरा मामला और नेशनल हेराल्ड केस से जुड़ी प्रमुख बातें.

Bansuri Swaraj

आज यानी मंगलवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विषय पर संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक एक जरूरी बैठक चल रही है. इस दौरान बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज जब संसद परिसर में पहुंचीं तो उनके हाथ में एक खास बैग था, जिसने सबका ध्यान खींचा. यह बैग काले रंग का था और उस पर लाल रंग से लिखा हुआ था – ‘नेशनल हेराल्ड की लूट’.

इस बैग के जरिए बांसुरी स्वराज ने साफ तौर पर कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है. दरअसल, इन दिनों भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस को नेशनल हेराल्ड केस को लेकर घेर रही है और इसी क्रम में बांसुरी स्वराज ने भी प्रतीकात्मक तरीके से अपनी बात रखी.

बांसुरी स्वराज का कांग्रेस पर वार

जब मीडियाकर्मियों ने बांसुरी स्वराज से पूछा कि इस बैग के जरिए वह क्या संदेश देना चाहती हैं, तो उन्होंने कहा, “यह पहली बार है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी मीडिया से भी भ्रष्टाचार जुड़ गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा हाल ही में जो चार्जशीट दाखिल की गई है, वह बेहद गंभीर सवाल खड़े करती है. इससे कांग्रेस की पुरानी कार्यप्रणाली और सोच सामने आती है.”

बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि कांग्रेस ने सेवा की आड़ में सार्वजनिक संसाधनों का निजी हितों के लिए इस्तेमाल किया. उन्होंने बताया कि करीब 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को सिर्फ 50 लाख रुपये में यंग इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा कब्जा लिया गया. इस कंपनी में 76% हिस्सेदारी गांधी परिवार की है, इसलिए कांग्रेस को इस पूरे मामले में जवाब देना चाहिए.

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

नेशनल हेराल्ड मामला कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़ा एक मनी लॉन्ड्रिंग केस है, जिसमें ईडी ने दोनों को अपनी चार्जशीट में नामजद किया है. इस केस की शुरुआत 2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की एक याचिका से हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की जांच के आदेश दिए. यह केस एक पुराने अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़ा है, जिसकी स्थापना 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी.

आरोप है कि गांधी परिवार ने यंग इंडिया लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाकर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया, जो नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करती थी. ईडी की जांच के अनुसार, इन संपत्तियों को बेहद कम कीमत पर अधिग्रहित किया गया और इसमें धोखाधड़ी व वित्तीय अनियमितताओं के आरोप शामिल हैं.

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-भारत एक्सप्रेस 



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