देश

‘राम को जिन्होंने अपनाया वो सत्ता में हैं, जिन्हें रामलला ने ठुकराया वो अब सड़क-सड़क घूम रहे हैं’, Bharat Express Conclave में बोले आचार्य सत्येंद्र दास

Bharat Express Conclave: अयोध्या में राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के ‘अवध में राम’ कॉन्क्लेव में आए. उन्होंने यहां रामलला के विराजमान होने पर खुशी जताई. इसके साथ ही आचार्य सत्येंद्र दास ने 22 जनवरी को होने वाली रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने वालों को खरी खरी बातें कहीं.

प्राण-प्रतिष्ठा के समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने वालों पर आचार्य सत्येंद्र दास बोले, “मैं तो कहूंगा कि उन्होंने निमंत्रण नहीं ठुकराया..बल्कि रामलला ने ही उन्हें ठुकरा दिया…इसलिए सड़क-सड़क घूम रहे हैं. कांग्रेस ने 20-20 वकील खड़े किए थे कि कोई आदेश न हो..आज इनकी हालत देखो.”

राम मंदिर निर्माण का जिक्र करते हुए आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा— “यह संघर्ष 500 वर्ष चला. 23 दिसंबर 1949 को भक्तगणों ने रामलला के दर्शन पाए..उनके लिए 1992 में 6 दिसंबर को उस कलंक को मिटाया गया, जिसके कारण मंदिर तोड़ा गया था. रामलला त्रिपाल में 28 साल रहे. अभी रामलला साईं मंदिर में हैं. वो जल्द इस भव्य मंदिर में विराजमान होंगे.”

आचार्य सत्येंद्र दास बोले— “अब देश फिर से विश्वगुरू बन रहा है…रामराज्य आएगा. रामलला..जो 5 साल के बच्चे जितने बड़े होंगे…उन्हें 156 प्रकार का भोग लगाया जाएगा. रामानन्दाचार्य विधि से पूजा होगी.” आचार्य बोले कि प्रभु श्रीराम धर्म के स्वरूप हैं.

यह भी पढ़िए: भारत एक्सप्रेस के महामंच पर जुटेंगी ये हस्तियां, अलग-अलग सेशन में होगी अवध से श्रीराम पर बात

Vijay Ram

ऑनलाइन जर्नलिज्म में रचे-रमे हैं. हिंदी न्यूज वेबसाइट्स के क्रिएटिव प्रेजेंटेशन पर फोकस रहा है. 10 साल से लेखन कर रहे. सनातन धर्म के पुराण, महाभारत-रामायण महाकाव्यों (हिंदी संकलन) में दो दशक से अध्ययनरत. सन् 2000 तक के प्रमुख अखबारों को संग्रहित किया. धर्म-अध्यात्म, देश-विदेश, सैन्य-रणनीति, राजनीति और फिल्मी खबरों में रुचि.

Recent Posts

Indian Railway: क्या अपने यूजर आईडी से दूसरे सरनेम वाले का टिकट बुक कराने पर हो सकती है सजा? जानें क्या कहता है IRCTC

IRCTC: ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम से सभी के लिए टिकट बुकिंग करना आसान हो गया…

51 mins ago

Om Birla: जानें ओम बिरला ने किस तरह रचा इतिहास? इन नेताओं के नाम भी दर्ज है ये उपलब्धि

Lok Sabha Speaker: नीलम संजीव रेड्डी ऐसे सांसद रहे हैं जो दो बार लोकसभा अध्यक्ष…

2 hours ago

क्या सच में जवाहर लाल नेहरू ने की थी आदिवासी लड़की से शादी? जानें, कैसे एक पल में बदल गई थी बुधनी मंझियाईन की जिंदगी

संथाल आदिवासी समाज ने बुधनी मंझियाईन का विरोध शुरू कर दिया. आदिवासी समाज ने एक…

2 hours ago

Kaaba Keys: काबा की गोल्‍डन चाबी की जिम्मेदारी सम्भालने वाले की हुई मौत, जानें कौन थे वो?

माना जाता है कि पैगंबर मुहम्‍मद ने खुद ये चाबी उस्‍मान को देते हुए कहा…

3 hours ago