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Bihar Election: Nitish Kumar के बेटे निशांत का राजनीति में आना तय! जानें किस विधानसभा सीट से लड़ सकते हैं चुनाव

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत की सक्रियता बढ़ी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि वे हरनौत सीट से चुनाव लड़ सकते हैं और जदयू के राजनीतिक उत्तराधिकारी बन सकते हैं.

nitish kumar nishant kumar

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं. खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की बढ़ती सक्रियता के बाद उनके चुनावी राजनीति में आने की चर्चा जोरों पर है. अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, निशांत आगामी चुनाव में नालंदा जिले की हरनौत विधानसभा सीट से जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उम्मीदवार हो सकते हैं.

नीतीश कुमार अब तक अपने परिवार को राजनीति से दूर रखते आए हैं, लेकिन इस बार हालात अलग नजर आ रहे हैं. परिवार के दबाव और राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि निशांत को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला लगभग तय हो चुका है. अगर वे चुनाव लड़ते हैं तो वे जदयू के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में उभर सकते हैं.

हरनौत से चुनाव लड़ सकते हैं निशांत

हरनौत विधानसभा सीट को JDU का अभेद किला माना जाता है. यह वही सीट है, जहां से नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. वर्तमान में यहां से JDU के हरिनारायण सिंह विधायक हैं, जो लगातार तीन बार जीत चुके हैं. 1995 से अब तक इस सीट पर JDU का कब्जा रहा है. इसलिए पार्टी के भीतर इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं कि निशांत के लिए यह सीट सुरक्षित मानी जा रही है.

सीटें बढ़ाएं ताकि विकास जारी रहे: निशांत

निशांत कुमार हाल ही में कुछ सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आए और उन्होंने अपने पिता के विकास के कार्यों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “पिताजी ने बिहार में विकास किया है. पिछली बार जनता ने 43 सीटें दीं, तब भी उन्होंने विकास के कार्यों को जारी रखा. इस बार सीटें बढ़ाएं, ताकि पिताजी बिहार का विकास आगे भी जारी रख सकें.”

इसके अलावा निशांत ने भाजपा के रणनीतिकारों से भी आग्रह किया कि वे नीतीश कुमार को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करें. इससे साफ है कि वे अब राजनीति में खुलकर सामने आ चुके हैं.

RJD और LJP की तरह JDU में भी परिवारवाद?

बिहार की राजनीति में परिवारवाद की जड़ें गहरी रही हैं. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में लालू यादव की तबीयत खराब होने के बाद तेजस्वी यादव ने पार्टी की कमान संभाली, जबकि लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में रामविलास पासवान के बाद चिराग पासवान पार्टी के प्रमुख बने. इसी तर्ज पर जदयू में भी अब निशांत को राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने की तैयारी दिख रही है. इससे पार्टी की भविष्य की रणनीति भी स्पष्ट होती नजर आ रही है.

मंत्री विजय चौधरी- नीतीश का फैसला सर्वमान्य होगा

निशांत की राजनीति में एंट्री को लेकर मंत्री विजय चौधरी ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “इस पर ज्यादा विचार करने की जरूरत नहीं है. नीतीश कुमार ने जदयू को खड़ा किया है और वे ही पार्टी के सर्वमान्य नेता हैं. आगे पार्टी में क्या होगा, यह उन्हीं का फैसला होगा और वह सभी को मान्य होगा.”

तेजस्वी यादव ने किया स्वागत

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी निशांत की राजनीति में आने की संभावनाओं का स्वागत किया. उन्होंने कहा, “निशांत हमारे भाई हैं, हम चाहते हैं कि वे राजनीति में भी आएं और अपना घर भी बसाएं.” तेजस्वी के इस बयान से यह साफ हो गया कि वे निशांत को राजनीति में देखने के लिए तैयार हैं.

निशांत के सक्रिय होने से बदलेगा बिहार का सियासी समीकरण?

निशांत की बढ़ती सक्रियता से बिहार की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं. अगर वे चुनाव लड़ते हैं और जीतते हैं, तो इससे नीतीश कुमार की राजनीतिक विरासत को एक नई दिशा मिलेगी. हालांकि, इसका अंतिम फैसला खुद नीतीश कुमार को ही लेना है. सभी की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि कब और कैसे इसकी औपचारिक घोषणा होती है.


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-भारत एक्सप्रेस



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