
बीजेपी ने कांग्रेस के उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं बने हैं. बीजेपी ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि एनडीए सरकार के दौरान रोजगार के अवसरों में बड़ी वृद्धि हुई है.
बीजेपी ने दावा किया कि यूपीए शासन (2004-2014) में केवल 2.9 करोड़ नौकरियां पैदा हुई थीं, जबकि एनडीए शासन (2014-2024) में 17.9 करोड़ रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं. खासकर, वित्त वर्ष 2023-24 में ही 4.6 करोड़ नौकरियां दी गईं.
बेरोजगारी दर में गिरावट
बीजेपी ने राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि यूपीए सरकार के दौरान बेरोजगारी दर 4.7% तक पहुंच गई थी. जबकि, मोदी सरकार में बेरोजगारी दर 2017-18 में 5.3% से घटकर 2023-24 में 3.2% हो गई है.
बीजेपी ने आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में भी कमी आई है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिरता आई है और लोगों को अधिक रोजगार मिला है.
बीजेपी के अनुसार, महिला श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 2017-18 में 23.3% से बढ़कर 2022-23 में 37% हो गई है. इसका श्रेय 89.8 लाख लखपति दीदियों और स्वयं सहायता समूहों (SHG) को भी दिया गया है, जिन्होंने खासतौर पर ग्रामीण महिलाओं को कम से कम 1 लाख रुपये की वार्षिक घरेलू आय का साधन उपलब्ध कराया है.
स्टार्टअप इकोसिस्टम में जबरदस्त वृद्धि
बीजेपी ने स्टार्टअप इकोसिस्टम में हुए विकास के बारे में बताते हुए कहा कि देश में 2013 में केवल 452 मान्यता प्राप्त स्टार्टअप थे. 2024 में इनकी संख्या बढ़कर 1.59 लाख हो गई है और इससे प्रत्यक्ष तौर पर 17.2 लाख लोगों को रोजगार मिला है.
बीजेपी ने कहा कि अकेले नवंबर 2024 में 14.63 लाख नए सदस्य कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े हैं, जो दिखाता है कि देश में औपचारिक क्षेत्र बढ़ रहा है.
स्किल इंडिया से युवाओं को लाभ
बीजेपी ने कहा कि स्किल इंडिया के तहत 14 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है और अब पीएम इंटर्नशिप योजना 2025 के तहत अतिरिक्त 1 करोड़ छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा. ये इंटर्नशिप भारत की शीर्ष 500 कंपनियों द्वारा दी जा रही है.
बीजेपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए गए प्रत्येक 1 करोड़ रुपये से अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल क्षेत्रों में 200-250 मेन-ईयर्स (व्यक्ति-वर्ष) का रोजगार उत्पन्न होता है.
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-भारत एक्सप्रेस
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