
सुप्रीम कोर्ट ने 70वीं बिहार लोक सेवा आयोग की पीटी परीक्षा रद्द कर दोबारा कराने और परीक्षा केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित रखने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है. यह याचिका आनंद लीगल एंड फोरम ट्रस्ट की ओर से दायर की गई थी. हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि पटना हाई कोर्ट में आपकी अर्जी अभी लंबित है. इसलिए हाई कोर्ट 14 फरवरी की होने वाली सुनवाई में विचार करें. बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित रखने की मांग वाली पटना हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी.
आयोग और राज्य सरकार से जवाब तलब
इस मामले पर पहली बार सुनवाई के बाद कोर्ट ने आयोग और राज्य सरकार को 30 जनवरी तक काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया था. इससे पहले भी आनंद लीगल एंड फोरम ट्रस्ट की ओर से दायर की गई थी. जिसपर सुनवाई करते हुए सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से कहा था कि हम आपकी भावनाओं को समझते है. लेकिन हम शुरुआती अदालत नहीं हो सकते. पटना हाई कोर्ट जाना ज्यादा उचित होगा. यह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत भी सही है.
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया था कि लाठीचार्ज पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के घर के पास हुआ था. उन्होंने इस पर स्वतः संज्ञान लेने का अनुरोध किया था. बीपीएससी ने 23 सितंबर को 70 वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा के लिए विज्ञापन निकाला था और 13 दिसंबर को परीक्षा को आयोजन हुआ था. राज्य के 912 केंद्रों में बड़े पैमाने पर अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए. याचिका में यह भी कहा गया कि काफी अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र ही उपलब्ध नहीं कराए गए.
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-भारत एक्सप्रेस
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