बिहार में लव-कुश रथ यात्रा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मंगलवार को “लव-कुश रथ यात्रा” को हरी झंडी दिखाई जो 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचने से पहले राज्य के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं।
पटना स्थित पार्टी कार्यालय में चौधरी ने पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंद किशोर यादव और विधान परिषद में पार्टी नेता हरि सहनी एवंत अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में इस “रथ यात्रा” को हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर मौजूद सैकड़ों पार्टी समर्थकों ने जहां “सबके सिया सबके राम” के नारे लगाये वहीं भाजपा नेताओं ने कहा कि “जिस चीज का हिंदू 500 वर्षों से इंतजार कर रहे थे उसे प्रधानमंत्री ने संभव कर दिखाया।”
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पार्टी के एक बयान में कहा गया है कि “रथ यात्रा” अयोध्या जाने से पहले बिहार के सभी 38 जिलों का भ्रमण करेगी। इस “रथ यात्रा” का पडाव माता सीता की जन्म स्थली सीतामढी के पुनौरा धाम और बक्सर में विश्वामित्र आश्रम जैसे रामायण से जुड़े स्थानों पर निर्धारित किया गया है।
राम मंदिर निर्माण के उपलक्ष्य में लव-कुश रथ यात्रा को माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री @samrat4bjp जी ने बिहार भ्रमण के लिए धर्म ध्वजा दिखाकर रवाना किया।
जय-जय श्रीराम!
लव-कुश की जय।#AyodhyaRamTemple #AyodhyaDham pic.twitter.com/jo3h95W98A— BJP Bihar (@BJP4Bihar) January 2, 2024
भगवान राम और देवी सीता के जुड़वां पुत्रों के नाम पर निकाली गई इस “लव-कुश रथ यात्रा” को भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद (यू) के मूल आधार (लव-कुश समाज) में सेंध लगाने के एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। अगस्त, 2023 तक भाजपा की सहयोगी रही जद (यू) सुप्रीमो नीतीश कुमार के प्रति वफादार रहने के लिए जानी जाने वाली ओबीसी जातियां कुर्मी और कोइरी को यहां की राजनीतिक शब्दावली में “लव-कुश” के रूप में जाना जाता है।
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