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ED निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा, कम उम्र के बने थे IRS अफसर

संजय कुमार मिश्रा को तीसरी बार सेवा विस्तार मिला है. संजय कुमार मिश्रा को 19 नवंबर, 2018 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का निदेशक नियुक्त किया गया था.

sanjay kumar mishra

संजय कुमार मिश्रा (बाएं)

Sanjay Kumar Mishra: केंद्र सरकार ने ईडी के निदेशक और तेजतर्रार अधिकारी संजय कुमार मिश्रा (Sanjay Kumar Mishra) का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया है. इस संबंध में सरकार द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है. यह तीसरी बार है जब संजय कुमार मिश्रा को सेवा विस्तार मिला है. संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल अगले हफ्ते खत्म हो रहा था. वहीं, सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, अब उनका कार्यकाल एक साल बढ़ा दिया गया है.

62 वर्षीय संजय कुमार मिश्रा को 19 नवंबर, 2018 को दो साल की अवधि के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का निदेशक नियुक्त किया गया था. बाद में 13 नवंबर 2020 के आदेश में केंद्र सरकार द्वारा पूर्वव्यापी प्रभाव से नियुक्ति पत्र में संशोधन किया गया और उनके कार्यकाल को बढ़ाकर दो साल से तीन साल कर दिया गया.

वहीं, गुरुवार को जारी आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल एक साल बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, 1984 बैच के आईआरएस अधिकारी को 18 नवंबर, 2023 तक सेवा विस्तार दिया गया है.

1984 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं संजय कुमार मिश्रा

पिछले साल सरकार एक अध्यादेश लायी थी जिसमें अनुमति दी गई थी कि ईडी और सीबीआई के निदेशकों का कार्यकाल दो साल की अनिवार्य अवधि के बाद तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है. बाद में संजय कुमार मिश्रा को एक साल का सेवा विस्तार दिया गया था. संजय कुमार मिश्रा आयकर (आईटी) कैडर के 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी हैं. संजय कुमार मिश्रा जब IRS अफसर बने थे उस वक्त वो अपने बैच में बेहद कम उम्र के अफसर थे.

कई बड़े मामलों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर चुके हैं संजय कुमार मिश्रा

देश के सबसे तेज तर्रार और आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ संजय कुमार मिश्रा ने ईडी में अपने कार्यकाल के दौरान कई बड़े मामलों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी की, जिससे जांच एजेंसी को काफी सफलता मिली. संजय कुमार मिश्रा के बारे में उनके सहयोगी बताते हैं कि वह सातों दिन दफ्तर आने वाले अधिकारी रहे हैं, जो किसी भी जांच को बेहद सतर्कता और अपने सहयोगियों के साथ बेहतर तरीके से जांच-पड़ताल के बाद ही अंतिम रूप तक लेकर जाते हैं.

-भारत एक्सप्रेस



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