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Chandrayaan-3: चांद पर पहुंच गए हम, दुनिया को दिखाया दम, भारत की सफलता पर NASA और ESA ने क्या कहा?

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा और लैंडर विक्रम ने तय समय के मुताबिक लैंडिंग की प्रक्रिया पूरी की.

chandrayaan 3

चंद्रयान-3

Chandrayaan-3 Landing: भारत के चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही इतिहास रच दिया है. इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश बन गया है. इस उपलब्धि पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इसरो (ISRO) चीफ एस. सोमनाथ को फोन कर बधाई दी. पीएम मोदी लैंडिंग की प्रक्रिया के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी जुड़े हुए थे. चंद्रयान-3 के लैंडर ने जैसे ही चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखा, पूरा देश जश्न में डूब गया. वहीं दुनिया भर की स्पेस एजेंसियां भी इसरो की इस सफलता पर बधाई दे रही हैं.

नासा के प्रबंधक ने क्या कहा

यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने भारत की इस उपलब्धि पर ट्वीट कर बधाई दी है. एजेंसी ने लिखा, “इसरो और चंद्रयान-3 की टीम को बधाई.” वहीं NASA के प्रबंधक बिल नेल्सन ने ट्वीट किया, “चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग के लिए इसरो को बधाई. भारत को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले चौथा देश बनने पर बधाई. इस मिशन पर आपका पार्टनर होने पर हमें खुशी है.”

यूरोपीय स्पेस एजेंसी के डायरेक्टर जनरल ने भी ISRO को बधाई दी. जोसेफ ए. ने ट्वीट करते हुए लिखा, “अद्वितीय.. इसरो, चंद्रयान-3 और भारत के सभी लोगों को बधाई. नई तकनीक के प्रदर्शन और किसी दूसरे खगोलीय पिंड पर भारत की पहली सॉफ्ट लैंडिंग का यह कितना शानदार तरीका है.”

इसके पहले, चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा और लैंडर विक्रम ने तय समय के मुताबिक लैंडिंग की प्रक्रिया पूरी की. वहीं लैंडिंग के कुछ देर बाद Chandrayaan-3 चंद्रयान-3 ने संदेश दिया. – “भारत, मैं अपनी मंजिल तक पहुंच गया और आप भी!” इसे इसरो द्वारा शेयर किया गया.”

विक्रम लैंडर ने कैसे पार किया आखिरी पड़ाव

विक्रम लैंडर 25 किलोमीटर की ऊंचाई से चांद पर उतरने की यात्रा शुरू की. इसके बाद अगले स्टेज तक पहुंचने में चंद्रयान-3 को करीब 11.5 मिनट लगे. 7.4 km की ऊंचाई पर पहुंचने तक इसकी गति 358 मीटर प्रति सेकेंड थी. इसके बाद 6.8 km की ऊंचाई पर इसकी गति कम करके 336 मीटर प्रति सेकेंड हो गई.

वहीं 800 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर के सेंसर्स चांद की सतह पर लेजर किरणें डालकर लैंडिंग के लिए सही जगह खोजने लगे. फिर 150 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की गति 60 मीटर प्रति सेकेंड थी. 60 मीटर की ऊंचाई पर आते-आते Chandrayaan-3 के लैंडर की स्पीड 40 मीटर प्रति सेकेंड थी. इसके बाद 10 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की स्पीड 10 मीटर प्रति सेकेंड हो गई थी. वहीं चंद्रमा की सतह पर उतरते समय यानी सॉफ्ट लैंडिंग के लिए लैंडर की स्पीड 1.68 मीटर प्रति सेकेंड थी. इस तरह लैंडर चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक उतरा और पूरा देश जश्न में डूब गया.

-भारत एक्सप्रेस

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