क्या है ‘No Shave November’ का मकसद? जिसे पुरुष करते हैं सेलिब्रेट
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India News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लेकर आई है. यह स्कीम न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की जगह लागू होगी. शनिवार को कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई. इस स्कीम को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है.
आज कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लाने के फैसले पर निशाना साधा. हालांकि, कांग्रेस पदाधिकारी प्रवीण चक्रवर्ती ने केंद्र सरकार के फैसले की सराहना की. प्रवीण ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस (एआईपीसी) के प्रमुख हैं. उन्होंने यह समझाने की कोशिश की कि UPS किस तरह से नई पेंशन योजना (NPS) से बेहतर है और इसमें मौजूद ‘खामियों’ को दूर करने में कैसे एक अच्छा कदम है.
कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती, जो पार्टी के डेटा एनालिटिक्स विभाग के भी प्रमुख हैं, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, “2013 में ओपीएस को एनपीएस में बदल दिया गया था. लेकिन, एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी और उनके परिवारों के लिए न्यूनतम राशि का आश्वासन नहीं दिया गया था.” उन्होंने एक फॉर्मूले के जरिए समझाने की कोशिश की कि यूपीएस कैसा है.
उन्होंने कहा—
UPS = NPS + न्यूनतम गारंटी
यह विवेकपूर्ण और स्वागत योग्य कदम है.
प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा- ‘भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन मूलतः बहुसंख्यक गरीबों पर लगाया जाने वाला टैक्स है, जिसका भुगतान कुलीन अल्पसंख्यक करते हैं. इसलिए, 2013 में OPS को NPS के जरिए सुधारा गया. लेकिन NPS ने सेवानिवृत्त परिवारों के लिए न्यूनतम राशि का आश्वासन नहीं दिया. हालांकि, अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) ऐसा करती है.’
प्रवीण चक्रवर्ती ने एक ट्वीट और किया. जिसमें उन्होंने पुरानी पेंशन योजना और गुजरात के सरकारी कर्मियों का जिक्र किया. उन्होंने अरविंद पनगढ़िया के एक आर्टिकल के स्क्रीनशॉट को रीट्वीट करते हुए कहा— “गुजरात में 6.5 करोड़ लोगों में से लगभग 3 लाख सरकारी सेवा में हैं. उनके हिसाब से पुरानी पेंशन योजना पर टैक्स रेवेन्यू का लगभग 15% खर्च होगा. तो टॉप 0.5% लोगों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन के रूप में सभी टैक्सपेयर्स के पैसे का 15% क्यों मिलना चाहिए?”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- UPS में U का मतलब मोदी सरकार का यू-टर्न है. खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा- 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पीएम के सत्ता के अहंकार पर जनता की शक्ति हावी हुई है. खड़गे ने आगे कहा, ‘मोदी सरकार ने पहले बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन/इंडेक्सेशन का फैसला वापस लिया. इसके बाद ब्रॉडकास्टिंग बिल, UPSC के उच्च पदों पर लेटरल एंट्री का फैसला भी वापस लिया. हम सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करते रहेंगे. हम 140 करोड़ भारतीयों को इस सरकार से बचाते रहेंगे.’
बता दें कि केंद्र सरकार न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की जगह अब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लेकर आई है. बीते रोज केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने UPS की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई. UPS एक अप्रैल 2025 से लागू होगी. इस स्कीम के बारे में आप यहां क्लिक करके जान सकते हैं.
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— भारत एक्सप्रेस
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