Bharat Express

फेसलेस स्कीम को कमजोर करने की साजिश: CBI ने आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर समेत 9 आरोपियों पर मामला दर्ज किया

सीबीआई ने फेसलेस स्कीम को कमजोर करने की साजिश में आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर समेत 9 आरोपियों पर मामला दर्ज किया है. आरोपियों पर आयकर विभाग की नई फेसलेस स्कीम को विफल करने और इसमें गड़बड़ी करने का आरोप है.

CBI

सीबीआई.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आयकर विभाग की फेसलेस असेसमेंट स्कीम को कमजोर करने की साजिश के आरोप में डिप्टी कमिश्नर (IRS), दो आयकर निरीक्षकों (IT इंस्पेक्टर), पांच चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CAs) और एक निजी व्यक्ति सहित अज्ञात अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इन सभी पर आयकर विभाग की नई फेसलेस स्कीम को विफल करने और इसमें गड़बड़ी करने का गंभीर आरोप है.
भारत सरकार ने हाल ही में करदाताओं और देश की अर्थव्यवस्था के लाभ के लिए प्रत्यक्ष कर प्रशासन में कई सुधार किए हैं.

इनमें से फेसलेस असेसमेंट स्कीम एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य करदाताओं और कर अधिकारियों के बीच किसी भी प्रकार के मानवीय संपर्क को समाप्त करना है. इस योजना के तहत, असेसमेंट और अपीलीय अधिकारियों (Assessing/Appellate Officers) की पहचान गुप्त रखी जाती है ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी कर निर्धारण सुनिश्चित किया जा सके.

हालांकि, CBI की जांच में यह खुलासा हुआ है कि कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और आयकर अधिकारियों की मिलीभगत से इस योजना को विफल करने की कोशिश की जा रही थी. आरोपियों पर असेसिंग और अपीलीय अधिकारियों के नाम करदाताओं को लीक करने, आयकर विभाग के गोपनीय डेटा तक अवैध रूप से पहुंचने, और लंबित कर निर्धारण (Assessment) या अपील मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए आर्थिक लाभ लेने का आरोप है.

कैसे की जा रही थी साजिश?

CBI के अनुसार, कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CAs) ने आयकर अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर गोपनीय जानकारी को करदाताओं और उनके CA तक पहुंचाने का काम किया. इस संवेदनशील डेटा में उन मामलों की जानकारी शामिल थी जो अभी मूल्यांकन (Assessment) या अपील प्रक्रिया में थे, साथ ही उन मामलों की भी जिनमें बड़ी धनराशि की टैक्स रिफंड पेंडिंग थी. इस सूचना के आधार पर, करदाता या उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संबंधित असेसिंग या अपीलीय अधिकारी से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर रहे थे.

इस प्रकार, आरोपी फेसलेस स्कीम के मूल उद्देश्य को कमजोर कर रहे थे जिससे कर निर्धारण प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता प्रभावित हो रही थी.

CBI का छापा, कई सबूत बरामद

इस मामले में CBI ने आज देशभर में 18 स्थानों पर छापेमारी की, जिनमें दिल्ली, मुंबई, ठाणे, पश्चिम चंपारण (बिहार), बेंगलुरु और कोट्टायम (केरल) शामिल हैं. छापों के दौरान CBI को कई आपत्तिजनक दस्तावेज, अवैध लेन-देन से जुड़े सबूत और डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक डेटा मिला है. इसके अलावा, रिश्वत से जुड़े लेन-देन के पुख्ता सबूत भी जांच एजेंसी को मिले हैं.

CBI द्वारा इस मामले की जांच जारी है और आगे और भी खुलासे हो सकते हैं. माना जा रहा है कि इसमें कई और अधिकारी व अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है.

क्या है फेसलेस स्कीम?

फेसलेस स्कीम भारत सरकार द्वारा कराधान प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए शुरू की गई एक क्रांतिकारी पहल है. इसके तहत:

  • करदाता और अधिकारी के बीच कोई सीधा संपर्क नहीं होता.
  • असेसमेंट और अपील अधिकारियों की पहचान गुप्त रहती है.
  • ऑनलाइन माध्यम से टैक्स असेसमेंट और अपील की प्रक्रिया पूरी की जाती है.
  • भ्रष्टाचार और पक्षपात को रोकने के लिए यह योजना महत्वपूर्ण मानी जाती है.

लेकिन CBI की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि कुछ भ्रष्ट अधिकारी और पेशेवर इस व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे. सरकार इस मामले में और कड़ी कार्रवाई कर सकती है.
CBI द्वारा की गई इस बड़ी कार्रवाई ने फेसलेस स्कीम को विफल करने की कोशिश कर रहे भ्रष्ट अधिकारियों और CAs के गठजोड़ को उजागर कर दिया है. यह कार्रवाई सरकार की पारदर्शी और निष्पक्ष कर प्रणाली लागू करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. यदि इस मामले में दोष सिद्ध होते हैं, तो आरोपी अधिकारियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read