दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन.
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से दायर जमानत याचिका पर राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज राकेश स्याल ने दोनों पक्षों की जिरह के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. ईडी ने सत्येंद्र जैन की ओर से दायर जमानत याचिका का विरोध करते हुए याचिका को खारिज करने की मांग की है. हाल ही में सत्येंद्र जैन ने दिल्ली हाईकोर्ट से डिफॉल्ट जमानत की मांग की है. जिसपर हाईकोर्ट 9 अक्टूबर को सुनवाई करने वाला है.
जैन की ओर से पेश वकील ने कहा है कि उनके खिलाफ ईडी की जांच अधूरी है. ट्रायल कोर्ट ने अधूरी सामग्री के आधार पर दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया है और ऐसा संज्ञान कानून के तहत वैध नहीं है.
ईडी ने सत्येंद्र जैन को मई 2022 में गिरफ्तार किया था. सत्येंद्र जैन को पिछले साल मई में स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी. वह 10 महीने तक जमानत पर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका को खारिज करते हुए सरेंडर करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सत्येंद्र जैन ने 18 मार्च को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था. 27 जुलाई 2022 को ईडी ने सत्येंद्र जैन सहित छह आरोपियों और चार कम्पनियों को आरोपी बनाया था.
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ईडी ने चार्जशीट में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया है. जैन पर सीबीआई ने भी आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर रखा है. उनपर 2015 से 2017 के बीच आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.
-भारत एक्सप्रेस
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