अरविंद केजरीवाल.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और राहत मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है.
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि हिरासत में रहते हुए केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद पर बने रहना ठीक है या नहीं, ये सवाल हो सकता है, पर ऐसा कानूनी अधिकार नहीं है, जिसका हवाला देकर उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की जाए. कोई एक्शन लेना है तो उपराज्यपाल (LG) लें, लेकिन हम इस मामले में दखल नहीं देंगे.
हाईकोर्ट में भी हुई थी याचिका खारिज
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि सरकार चलाने में दिक्कत होगी तो उपराज्यपाल फैसला लेंगे. अदालत को राजनीतिक बहस में नही घसीटा जा सकता. अब जुर्माना लगाना जरूरी है, ताकि फिर कोई इस मांग को लेकर अदालत का रुख न करें.
इससे पहले 8 अप्रैल को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता संदीप कुमार को फटकार लगाते हुए कहा था कि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ऐसी ही दो याचिकाएं पहले खारिज कर चुका है, ऐसे में याचिका पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए.
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याचिका में क्या कहा गया था
संदीप कुमार की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत हुई है. इस गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल मुख्यमंत्री के रूप में काम करने में सक्षम नहीं हैं.
याचिका के अनुसार, संविधान की धारा 239aa(4) के प्रावधानों के मुताबिक उपराज्यपाल को सलाह देने वाले मंत्रिपरिषद का मुखिया मुख्यमंत्री होता है. केजरीवाल के जेल में रहने के बाद उपराज्यपाल को सलाह देना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का आदेश जारी किया जाए.
-भारत एक्सप्रेस
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