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प्रमोद मद्देशिया
Deoria Murder Case: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के फतेहपुर गांव में हुए हत्याकांड मामले में जहां एक ओर अपने पूरे परिवार को खो चुके सत्यप्रकाश दुबे के बेटे देवेश दुबे ने आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने के साथ ही आरोपियों को फांसी देने की मांग की है तो वहीं यूपी सरकार द्वारा बुलडोजर कार्रवाई के दिए गए आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने प्रेमचंद यादव के मकान पर बुलडोजर चलाने पर रोक लगा दी है. बता दें कि हत्याकांड में पहले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रेम चंद यादव की ही हत्या हुई थी. इसके बाद जांच में उनके 200 वर्ग गज में बने घर को अवैध पाया गया था. इसी के बाद जिला प्रशासन घर को गिराए जाने की कार्रवाई को लेकर आगे बढ़ रही थी कि इसी बीच कोर्ट ने सोमवार को बुलडोजर चलाए जाने पर रोक लगा दी है.
बता दें कि देवरिया हत्याकांड के बाद तहसीलदार ने 11 अक्टूबर को प्रेम यादव के मकान के ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया था, लेकिन सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तहसीलदार के ध्वस्तीकरण के आदेश पर रोक लगा दी है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक इलाहबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश मृतक प्रेम चंद यादव के परिवार के सदस्य राम भवन यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. इसी के साथ ही हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को तहसीलदार के आदेश के खिलाफ दो हफ्ते में जिलाधिकारी के यहां अपील दाखिल करने के लिए भी कहा है. इसी के साथ ही देवरिया जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि 3 महीने में अर्जी पर उचित फैसला दिया जाए. इसी के साथ कोर्ट ने तब तक घर को न गिराए जाने के लिए रोक लगा दी है.
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शुक्रवार को याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में तीन अर्जियां दाखिल की गईं थीं. सोमवार (16 अक्टूबर) को यह अर्जियां जस्टिस चंद्र कुमार राय की कोर्ट में मेंशन की गई और फिर अदालत से यादव पक्ष के लोगों ने इमरजेंसी को देखते हुए सोमवार को ही सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया. इस पर कोर्ट ने सिर्फ एक याचिका पर सुनवाई की और और आदेश दिया. बता दें कि याचिकाकर्ता की ओर से उनके अधिवक्ता अरुण यादव और बाबूराम यादव ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा. तो वहीं शेष दो याचिकाएं दूसरे दिन क्षेत्राधिकार वाली दूसरी अदालत में मेंशन की जाएंगी.
मालूम हो कि 2 अक्टूबर को जमीनी विवाद के चलते देवरिया जिले के रूद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव में एक साथ 6 लोगों की हत्या हो गई थी. इस हत्याकांड में पहले प्रेमचंद यादव की हत्या हुई थी और फिर यादव पक्ष के लोंगों ने सत्य प्रकाश दुबे के परिवार पर हमला बोल दिया था और लाठी-डंडों व गोली मारकर सत्य प्रकाश दुबे के साथ ही उनकी पत्नी, उनकी दो बेटियों और एक बेटे की हत्या कर दी थी. हत्यारों ने एक बेटे को मरा समझकर छोड़ दिया था, लेकिन उसकी सांसें चल रही थीं. घटना के बाद पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, अब उसका स्वास्थ्य ठीक है तो वहीं सत्यप्रकाश दुबे का बड़ा बेटा घटना के वक्त घर में नहीं था. इसलिए वह बच गया और एक बेटी, जिसकी शादी होने के कारण वह ससुराल में थी तो वह भी बच गई. इसके अलावा पूरा परिवार खत्म हो गया. इस मामले में पुलिस की जांच-पड़ताल जारी है. तो दूसरी ओर इस घटना को लेकर राजनीति भी जमकर हो रही है. सोमवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव पहुंचे थे और उन्होंने इस घटना को लेकर सीबीआई जांच की मांग की है.
-भारत एक्सप्रेस
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