
बेंगलुरु: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 9 जून 2025 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले से जुड़े मामले में करीब 100 करोड़ रुपये मूल्य की 92 अचल संपत्तियां (MUDA साइट्स) को प्रोविजनली अटैच कर लिया है.
ईडी की इस कार्रवाई का संबंध कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया समेत अन्य संबंधित व्यक्तियों से जुड़ा है. इस घोटाले में अब तक की गई कुल संपत्ति अटैचमेंट की राशि 400 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुकी है.
ईडी ने अपनी जांच में पाया कि MUDA स्कीम के अंतर्गत सरकारी जमीनों का अवैध रूप से आवंटन किया गया, जिससे कई राजनीतिक और कारोबारी लाभार्थियों को करोड़ों रुपये का फायदा पहुंचाया गया. इस भूमि घोटाले के जरिए सरकारी जमीन को बेनामी नामों पर स्थानांतरित किया गया और फिर उन्हें बाजार दर पर बेचकर काला धन सफेद किया गया.
ईडी की जांच में सामने आया कि कई भूखंडों को जानबूझकर “भू-स्वामित्व के फर्जी दावों” के आधार पर आवंटित किया गया और इसके बदले में बड़े पैमाने पर रिश्वत और दलाली का लेन-देन हुआ. ये संपत्तियां कथित तौर पर इस घोटाले से अर्जित अवैध धन से खरीदी गई थीं.
प्रवर्तन निदेशालय ने यह भी बताया कि अभी और संपत्तियों की पहचान की जा रही है और आगे की जांच में और भी खुलासे हो सकते हैं. इस घोटाले से संबंधित कई प्रमुख नेताओं और अधिकारियों की भूमिका की जांच जारी है.
MUDA घोटाला कर्नाटक की राजनीति और प्रशासन में भ्रष्टाचार के गंभीर संकेत देता है। ईडी की यह ताज़ा कार्रवाई एक बार फिर यह दिखाती है कि एजेंसी काले धन और भ्रष्टाचार के मामलों में सख्ती से कार्रवाई कर रही है. अब यह देखना होगा कि जांच में आगे किन-किन बड़े नामों का खुलासा होता है और क्या यह मामला अदालत तक पहुंचता है.
-भारत एक्सप्रेस
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