
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), लखनऊ ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए कल्पतरु ग्रुप कंपनीज और उससे जुड़ी संस्थाओं की मथुरा (उत्तर प्रदेश) स्थित 30.5 करोड़ रुपये मूल्य की 09 अचल संपत्तियों को कुर्क किया है. ये संपत्तियां आवासीय और वाणिज्यिक भूमि के रूप में दर्ज की गई हैं.
ईडी की इस कार्रवाई का आधार मनी लॉन्ड्रिंग का एक गंभीर मामला है, जिसमें कल्पतरु ग्रुप और इससे जुड़ी कंपनियों पर अवैध रूप से अर्जित धन को अचल संपत्तियों में निवेश करने का आरोप है. जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि ग्रुप ने फर्जी कंपनियों और बोगस लेनदेन के जरिए काले धन को सफेद किया और इसे मथुरा में जमीनों की खरीद में निवेश किया. इस मामले में पीएमएलए, 2002 की धारा 5(1) के तहत कुर्की की गई है, जिसमें संदेहास्पद संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान है.
प्रवर्तन निदेशालय पहले भी कल्पतरु ग्रुप और इससे संबद्ध संस्थाओं पर छापेमारी और पूछताछ कर चुका है. एजेंसी ने इनके बैंक खातों और वित्तीय लेनदेन की गहराई से जांच की थी, जिससे कई संदिग्ध लेनदेन सामने आए. इस ग्रुप के खिलाफ पहले भी आयकर विभाग और अन्य जांच एजेंसियां अलग-अलग मामलों में कार्रवाई कर चुकी हैं.
ईडी इस मामले में आगे की जांच कर रही है और अन्य संपत्तियों व संदिग्ध बैंक खातों की पड़ताल कर रही है. एजेंसी की यह कार्रवाई देश में मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध संपत्ति के खिलाफ चल रहे सख्त अभियान का हिस्सा है. मथुरा में संपत्तियों की कुर्की से साफ संकेत मिलता है कि सरकारी एजेंसियां अवैध वित्तीय गतिविधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए हैं और आने वाले समय में इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं.
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