
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में कई स्थानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई लगभग 900 करोड़ रुपये से अधिक के साइबर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी है, जिसमें एक चीनी नागरिक सहित कई अन्य भारतीय और विदेशी नागरिकों की संलिप्तता सामने आई है.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह साइबर धोखाधड़ी एक सुनियोजित नेटवर्क के तहत अंजाम दी गई थी, जिसमें फर्जी निवेश योजनाओं, मोबाइल एप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से आम नागरिकों को धोखे से भारी मात्रा में पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया गया.
प्रवर्तन निदेशालय ने इस पूरे मामले की जांच के लिए धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि चीनी नागरिकों के साथ मिलकर भारतीय सहयोगियों ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को अलग-अलग शेल कंपनियों और फर्जी बैंक खातों के माध्यम से देश और विदेश में ट्रांसफर किया.
ईडी की टीमों ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में स्थित आवासीय और व्यावसायिक परिसरों पर एक साथ छापेमारी की, जहां से कई डिजिटल उपकरण, दस्तावेज, बैंक खातों की जानकारी और संदिग्ध लेन-देन के रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं.
सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी को ऐसे कई बैंक अकाउंट्स और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन्स के सबूत मिले हैं जो सीधे इस फर्जीवाड़े से जुड़े हो सकते हैं. इस केस में कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है और आने वाले दिनों में कई गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं.
इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि भारत में विदेशी नागरिकों की संलिप्तता वाले साइबर अपराध अब बड़े स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए देश की आर्थिक सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं. ईडी की यह जांच इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है और एजेंसी का कहना है कि इस नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने के लिए जांच आगे भी जारी रहेगी.
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