आईएएस संजीव हंस.
Bihar Latest News: प्रवर्तन निदेशालय ने आईएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. ईडी को सर्च ऑपरेशन के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत हाथ लगे हैं. ईडी जल्द ही इन सबूतों की जांच के बाद अपने सहयोगी जांच एजेंसी से साझा करेगी. ईडी द्वारा की गई अब तक के सर्च ऑपरेशन के दौरान करीब 90 लाख रुपए समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत बरामद किए गए हैं. सर्च ऑपरेशन के दौरान मिले दस्तावेजों के आधार पर कोलकाता के दो कारोबारियों का कनेक्शन सामने आया है. अब ईडी आने वाले समय में कारोबारी विपुल बंसल और पुष्प राज पर कार्रवाई कर सकती है.
कब सर्खियों में आए थे आईएएस हंस?
ईडी को दो दिन तक दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई में आईएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव से संबंधित कई बेनामी संपत्ति सहित काफी संदिग्ध लेनदेन से जुड़ी जानकारी मिली है. बता दें कि 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हंस उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन पर और आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव पर गैंगरेप का आरोप लगा था.
पटना एसएसपी राजीव मिश्रा द्वारा अपनी पर्यवेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद ईडी ने मामले की जांच शुरू की. जिसमें स्पष्ट रूप से बड़े पैमाने पर पैसे के लेन-देन का उल्लेख किया गया है. इसी मामले में 9 जुलाई को भी दिल्ली, पंजाब और बिहार के कई इलाकों में थी सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई की गई थी. अभी दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में जो सर्च ऑपरेशन हुए है इसमें लाख रुपए और 15 किलो सिल्वर बुलियन जब्त किया गया है.
कौन हैं आईएएस संजीव हंस और गुलाब यादव?
आईएएस संजीव हंस वर्तमान में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के सीएमडी के रूप में दोहरी भूमिका निभा रहे हैं. हाल ही में उनके नेतृत्व में बीएसपीएचसीएल को ऊर्जा क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए प्रतिष्ठित स्कॉच गोल्ड अवार्ड मिला. उनके कार्यकाल के दौरान बिहार ने इस साल एसएएमएएसटी के सभी मॉड्यूल को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए पूर्वी राज्यों में शीर्ष स्थान भी हासिल किया है.
वहीं, मधुबनी की झंझारपुर सीट से पूर्व विधायक गुलाब यादव पहले राष्ट्रीय जनता दल में थे. 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें राजद से टिकट नहीं मिला. झंझारपुर सीट गठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी के हिस्से में चली गई थी. तब गुलाब यादव बसपा के टिकट पर मैदान में उतर गए थे. हालांकि, उन्हें चुनाव में कामयाबी नहीं मिली थी. गुलाब यादव सियासत के मजबूत खिलाड़ी माने जाते हैं.
-भारत एक्सप्रेस