कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पूरे देश में अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में केंद्रीय पेंशन भुगतान प्रणाली (CPPS) लागू कर दी है. श्रम मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि इस नई प्रणाली से 68 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को फायदा होगा.
CPPS मौजूदा विकेंद्रीकृत पेंशन वितरण प्रणाली से पूरी तरह अलग है. पहले, ईपीएफओ के हर क्षेत्रीय कार्यालय का सिर्फ 3-4 बैंकों के साथ ही समझौता होता था. अब यह प्रक्रिया केंद्रीकृत हो गई है. नई प्रणाली के तहत, पेंशनभोगी अपनी पेंशन किसी भी बैंक से निकाल सकते हैं. पेंशन शुरू करते समय बैंक जाकर सत्यापन कराने की जरूरत नहीं होगी. पेंशन राशि जारी होते ही सीधे खाते में जमा हो जाएगी.
स्थान बदलने पर भी नहीं होगी समस्या
जनवरी 2025 से यह प्रणाली पूरे देश में पेंशन वितरण को आसान बनाएगी. पेंशनभोगियों को अब एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने या बैंक/शाखा बदलने पर पेंशन भुगतान आदेश (PPO) ट्रांसफर कराने की आवश्यकता नहीं होगी. इससे रिटायरमेंट के बाद अपने गांव या नए शहर में बसने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.
इस प्रणाली का पहला पायलट अक्टूबर 2023 में करनाल, जम्मू और श्रीनगर के क्षेत्रीय कार्यालयों में शुरू किया गया. तब करीब 49,000 पेंशनभोगियों को 11 करोड़ रुपये की पेंशन वितरित की गई. दूसरे पायलट में, नवंबर 2023 में 24 क्षेत्रीय कार्यालयों को जोड़ा गया. इसमें 9.3 लाख पेंशनभोगियों को 213 करोड़ रुपये की पेंशन दी गई.
दिसंबर 2024 में, ईपीएफओ ने इस नई प्रणाली को सभी 122 क्षेत्रीय कार्यालयों में लागू कर दिया. इसके तहत 68 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को लगभग 1,570 करोड़ रुपये की पेंशन दी गई.
केंद्रीय मंत्री ने जताई खुशी
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस ऐतिहासिक कदम की सराहना की. उन्होंने कहा, “ईपीएफओ के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में CPPS का पूरा क्रियान्वयन एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. यह पहल पेंशनभोगियों को देश में कहीं भी, किसी भी बैंक या शाखा से पेंशन प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करती है.”
मंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रणाली ने भौतिक सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है और पेंशन वितरण प्रक्रिया को सरल बना दिया है.
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-भारत एक्सप्रेस
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