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भारत-बांग्लादेश सीमा पर अब भी 864.482 किमी क्षेत्र में बाड़ लगाने का कार्य अधूरा, नित्यानंद राय ने लोकसभा में दी जानकारी

भारत-बांग्लादेश सीमा पर अब तक 3,232 किमी बाड़ लगाई जा चुकी है, लेकिन 864 किमी क्षेत्र अब भी असुरक्षित है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि भूमि अधिग्रहण, प्राकृतिक बाधाएं और BGB की आपत्तियों के कारण यह कार्य प्रभावित हो रहा है.

India-Bangladesh border

भारत-बांग्लादेश सीमा

भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बाड़ लगाने का कार्य अभी भी पूरी तरह से पूरा नहीं हो सका है. कुल 4,096.7 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा में से अब तक 3,232.218 किलोमीटर क्षेत्र को बाड़ से कवर किया जा चुका है. हालांकि, अभी भी 864.482 किलोमीटर सीमा को बाड़ से सुरक्षित किया जाना बाकी है. इसमें 174.514 किलोमीटर ऐसा क्षेत्र भी शामिल है, जहां भौगोलिक परिस्थितियों के कारण बाड़ लगाना संभव नहीं है. यह जानकारी गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी.

सीमा पर बाड़ लगाने में आ रही चुनौतियां

गृह राज्य मंत्री ने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर शेष बाड़ लगाने में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं. इनमें प्रमुख रूप से भूमि अधिग्रहण की समस्या, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) की आपत्तियां, सीमित कार्य अवधि, भू-स्खलन और दलदली भूमि जैसी प्राकृतिक बाधाएं शामिल हैं.

सीमावर्ती इलाकों में कुछ स्थानों पर बाड़ लगाने के लिए आवश्यक भूमि का अधिग्रहण अभी तक पूरा नहीं हो सका है, जिससे परियोजना की गति प्रभावित हो रही है. वहीं, बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा एजेंसी BGB की ओर से भी कुछ क्षेत्रों में बाड़ लगाने को लेकर आपत्तियां जताई गई हैं. इन आपत्तियों के कारण भारत को कूटनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

इसके अलावा, कुछ इलाकों में मौसमी कारणों से निर्माण कार्य बाधित होता है. मानसून के दौरान बाढ़ और दलदली भूमि के कारण बाड़ लगाने का कार्य ठप हो जाता है. खासकर मेघालय, त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में यह समस्या ज्यादा गंभीर है.

सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के प्रयास

भारत सरकार भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. सरकार का उद्देश्य है कि जितनी जल्दी हो सके, शेष बाड़ लगाने का कार्य पूरा किया जाए. गृह मंत्रालय इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों और विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है.

सरकार सीमा पार से होने वाली घुसपैठ, तस्करी, और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए आधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल कर रही है. कई इलाकों में स्मार्ट फेंसिंग (Smart Fencing) लगाने की योजना पर भी काम किया जा रहा है, जिससे बिना पारंपरिक बाड़ के भी सीमा पर चौकसी बढ़ाई जा सके.

भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा की अहमियत

भारत-बांग्लादेश सीमा देश की सबसे संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में से एक है. पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम जैसे राज्यों से लगने वाली इस सीमा पर अवैध घुसपैठ, मानव तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी और मवेशी तस्करी जैसी समस्याएं बनी रहती हैं. इसे रोकने के लिए बाड़ लगाना और सीमा पर सुरक्षा बलों की तैनाती बेहद जरूरी है.

सरकार ने पहले भी कई बार कहा है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने का कार्य प्राथमिकता में है और इसे जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि, भौगोलिक और प्रशासनिक बाधाओं के कारण इस कार्य में अपेक्षा से अधिक समय लग रहा है.

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा को आश्वस्त किया कि सरकार इन चुनौतियों का समाधान निकालकर सीमा सुरक्षा को और अधिक मजबूत करेगी, जिससे अवैध गतिविधियों पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाया जा सके.

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-भारत एक्सप्रेस 



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