सरकार नागाओं और गोरखाओं के बीच मजबूत संबंध चाहती है
नागालैंड के राज्यपाल ला गणेशन ने आशा व्यक्त की कि नागालैंड के गोरखा समुदाय और नागाओं के बीच दोस्ती का बंधन मजबूत होगा. उन्होंने गोरखा लोक पंचायत, कोहिमा द्वारा उनके सम्मान में आयोजित स्वागत समारोह में यह बात कही. गणेशन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों समुदाय हमेशा अच्छे नागरिक बने रहेंगे और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना जारी रखेंगे. उन्होंने बताया राज्य सरकार ने राज्य में उनके अपार योगदान को स्वीकार करते हुए, नागालैंड के गोरखा समुदाय को स्वदेशी स्थानीय निवासियों के रूप में घोषित किया था.
गोरखाओं का राष्ट्र के लिए बलिदान
उन्होंने कहा कि कोहिमा के गोरखाओं का राष्ट्र के लिए बलिदान का इतिहास रहा है, नागालैंड विशेष रूप से कोहिमा और अंगामी क्षेत्र में समुदाय के निवासी लगभग दो शताब्दी पुराने प्रतीत होते हैं. राज्यपाल गणेशन कहा कि उनके पूर्वज अंग्रेजों के आगमन के बाद आए होंगे. टिप्पणी करतेे हुए उन्होने बताया कि गोरखाओं को पहाड़ी लोगों के रूप में क्षेत्र की जलवायु परिस्थितियों के साथ-साथ नागा लोगों के साथ साझा की जाने वाली सामान्य विशेषताओं के लिए उनको चुना जा सकता है.
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मजबूत बंधन स्थापित करेगें
राज्यपाल गणेशन ने नागाओं और गोरखाओं के बीच बंधन और दोस्ती के निरंतर विकास की आशा व्यक्त की. उन्होंने खान-पान की आदतें, पारंपरिक रीति-रिवाज, सादगी, बहादुरी, विनम्रता, ईमानदारी पर भी नजर डाली ओर कहा, स्वभाव लगभग नागाओं के समान थे. उन्होंने उल्लेख किया कि गोरखा लोगों की अनुकूलन क्षमता और दृढ़ संकल्प ने उन्हें नागा समाज का एक अभिन्न अंग बनने में मदद की, जिसके लिए उन्होंने अत्यधिक योगदान दिया था. उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध से पहले, कोहिमा तत्कालीन नागा हिल्स का मुख्यालय था, उन्होंने बताया कि वे स्वचालित रूप से विभिन्न पड़ोसी गांवों और खेल के मूल निवासियों के साथ घुलना-मिलना शुरू कर चुके हैं, इस प्रकार एक मजबूत बंधन स्थापित कर रहे हैं.
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