प्रतीकात्मक चित्र- Pixabay
2024 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए 28,000 से ज्यादा सोशल मीडिया URLs को ब्लॉक किया. यह एक साल में ब्लॉक किए गए सबसे ज्यादा URLs का आंकड़ा है. इनमें खालिस्तान समर्थक गतिविधियां, नफरत फैलाने वाले पोस्ट और देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानी जाने वाली सामग्री शामिल थी. यह कार्रवाई आईटी एक्ट की धारा 69A के तहत की गई, जो सरकार को हानिकारक कंटेंट को रोकने की शक्ति देती है.
किन प्लेटफॉर्म्स पर सबसे ज्यादा असर
ब्लॉक किए गए अधिकांश URLs फेसबुक और X पर थे. इन प्लेटफॉर्म्स पर 10,000 से ज्यादा URLs हटाए गए. यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर भी कई अकाउंट और पोस्ट्स हटाए गए.
इंस्टाग्राम पर ब्लॉक किए गए URLs 2022 में 355 से बढ़कर 2024 में 1,000 से ज्यादा हो गए.
यूट्यूब पर 2,211 URLs और टेलीग्राम पर 225 URLs को ब्लॉक किया गया.
व्हाट्सएप पर 138 अकाउंट आपत्तिजनक सामग्री साझा करने के लिए बंद किए गए.
कार्रवाई के फोकस एरिया
सरकार का मुख्य ध्यान उन URLs पर था जो अन्य वेबसाइट्स या ऐप्स की ओर ले जाती थीं. इनमें नकली निवेश योजनाएं और संदिग्ध वर्क-फ्रॉम-होम ऑफर शामिल थे.
खालिस्तान जनमत संग्रह से जुड़े 10,500 से ज्यादा URLs ब्लॉक किए गए.
बैन संगठन PFI से संबंधित 2,100 से अधिक URLs पर भी प्रतिबंध लगाया गया.
इसके अलावा, सरकार ने मोबाइल ऐप्स पर भी कार्रवाई की जो देश-विरोधी कंटेंट फैला रहे थे.
वर्षवार आंकड़े
फेसबुक (मेटा): 2022 में 1,743, 2023 में 6,074 और 2024 (सितंबर तक) में 3,159 URLs ब्लॉक.
X: 2022 में 3,417, 2023 में 3,772 और 2024 में 2,950 URLs ब्लॉक.
यूट्यूब: 2022 में 809, 2023 में 862 और 2024 में 540 URLs ब्लॉक.
इंस्टाग्राम: 2022 में 355, 2023 में 814 और 2024 में 1,029 URLs ब्लॉक.
टेलीग्राम: कुल 225 URLs.
सरकार ने क्या कहा
गृह मंत्रालय की सिफारिश पर यह कार्रवाई की गई. सरकार ने कहा कि यह कदम भारत की संप्रभुता और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरे को देखते हुए उठाया गया. अधिकारियों ने आईटी एक्ट की धारा 69A का हवाला देते हुए डिजिटल स्पेस में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी को प्राथमिकता बताया.
-भारत एक्सप्रेस
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