दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण स्तर को लेकर ग्रैप-1 के बाद अब Graded Response Action Plan (GRAP) ग्रैप-2 के प्रतिबंध को लागू किया गया है. GRAP-2 के तहत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में कई चीजों पर प्रतिबंध रहेगा. दिल्ली में बीते 15 अक्टूबर को Air Quality Index (AQI) 201 से 300 के बीच रहने पर ग्रैप का पहला चरण लागू किया गया था. अब प्रदूषण का स्तर 300 के पार पहुंचने पर ग्रैप-2 लागू किया गया है.
GRAP-2 में इन चीजों पर रहेगा प्रतिबंध
ग्रैप-2 के तहत Delhi-NCR में डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा. ये आदेश राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों, रेल और Metro सेवाओं पर लागू नहीं होगा. इसके अलावा सड़कों की साफ-सफाई पर जोर दिया जाएगा. साथ ही सड़कों पर पानी का भी छिड़काव होगा. जबकि कोयले और लकड़ी को जलाने पर भी पूरी तरह से रोक रहेगी. इसके अलावा ग्रैप-2 के तहत प्राइवेट कार की पार्किंग फीस को बढ़ाया जाता है. साथ ही लोगों से अपील की जाती है कि वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही इस्तेमाल करें. GRAP-2 प्रतिबंध में CNG और इलेक्ट्रिक बसों तथा Metro के फेरे में इजाफा किया जाता है.
GRAP में होते हैं चार चरण
ग्रैप में कुल चार चरण आते हैं. पहला चरण तब लागू होता है, जब AQI 201 से 300 के बीच रहता है. इसके बाद दूसरा चरण AQI 301 से 400 के बीच रहने पर लागू होता है, जबकि तीसरा चरण AQI 401 से 450 रहने पर लागू किया जाता है. AQI के 450 से अधिक होने पर चौथे चरण को लागू किया जाता है.
सबके सहयोग से प्रदूषण से लड़ने में आसानी होगी: गोपाल राय
दिल्ली की ‘AAP’ सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर कहा कि सबके सहयोग से प्रदूषण से लड़ने में आसानी होगी. GRAP-2 नियम लागू होने को लेकर मंत्री गोपाल राय ने IANS को बताया, “जब AQI 300 से ज्यादा होता है तो ग्रैप 2 नियम लागू होते हैं. मंगलवार को दिल्ली में GRAP-2 नियम को लागू कर दिया गया है. इस नियम को पूरे उत्तर भारत और खास कर NCR में लागू किया गया है. दिल्ली सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक करके इस पर चर्चा होगी कि इसको कैसे अमल में लाना है.”
हरियाणा और राजस्थान से आ रहीं डीजल बसें
मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली के अंदर गाड़ियों से जो प्रदूषण होता है, उसको कम करने के लिए पहले से ही यहां पर CNG की बसें चल रही थी. 2,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बस हम दिल्ली की सड़कों पर चला रहे हैं. प्राइवेट गाड़ियों को भी यहां पर लाने की योजना है. लेकिन इसके बावजूद आज भी हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से डीजल बसे दिल्ली में आ रही हैं. इसको लेकर हम वहां के परिवहन मंत्री को चिट्ठी लिख रहे हैं कि जब तक दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है, तब तक यहां पर डीजल बसें नहीं भेजें. वो सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसे दिल्ली में भेजें. जिससे प्रदूषण को कम करने में सहयोग मिलेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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