

संवाददाता- मनोज चौबे, ग्वालियर
ग्वालियर परिवहन विभाग में आरक्षक रहे सौरभ शर्मा और उनकी मां उमा शर्मा पर अब पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. ग्वालियर पुलिस ने दोनों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. आरोप है कि उन्होंने झूठा शपथ पत्र देकर अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त की थी.
सौरभ शर्मा पहले से ही लोकायुक्त, प्रवर्तन निदेशालय (ED), आयकर विभाग और डीआरआई जैसी जांच एजेंसियों के निशाने पर थे. अब ग्वालियर के सिरोल थाना पुलिस ने भी उन पर मामला दर्ज कर लिया है. यह शिकायत डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर किरण शर्मा के आवेदन पर दर्ज की गई है.
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
अक्टूबर 2016 में सौरभ शर्मा और उनकी मां उमा शर्मा ने शासन को झूठा शपथ पत्र दिया था. इसमें उन्होंने दावा किया था कि उनके परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं है. लेकिन जब इस शपथ पत्र की जांच की गई, तो पाया गया कि सौरभ शर्मा का बड़ा भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ सरकार की सेवा में है.
शपथ पत्र में झूठी जानकारी देकर हासिल की नौकरी
पिता के निधन के बाद, सौरभ शर्मा ने अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए झूठे दस्तावेज पेश किए. उन्होंने अपने शपथ पत्र में कहा था कि उनका भाई सचिन शर्मा न तो सरकारी और न ही अर्ध-सरकारी सेवा में कार्यरत है. जांच में यह तथ्य सामने आया कि सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम में वरिष्ठ प्रबंधक (वित्त) के पद पर कार्यरत हैं.
कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच
अब ग्वालियर पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. संभावना है कि इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं. अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े के आरोपों को लेकर सौरभ शर्मा और उनकी मां पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
-भारत एक्सप्रेस
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