दिलीप राय
दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप राय की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है. अब वे आगामी ओडिशा विधानसभा एवं लोकसभा का चुनाव लड़ सकेंगे. राय सहित अन्य दो अधिकारियों को निचली अदालत ने झारखंड में वर्ष 1999 के दौरान कोयला खदान आवंटित करने में हुई अनियमितता को लेकर तीन साल कारावास की सजा सुनाई थी.
दिलीप राय ने डाली थी याचिका
जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने राय की याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें उन्होंने अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि अगर उनके दोषसिद्धि पर अभी रोक नहीं लगाई जाती है और बाद में वे इस मामले में बरी हो जाते हैं तो उन्हें काफी नुकसान होगा.
जस्टिस ने कहा कि राय की मांग स्वीकार नहीं की जाती है, तो वह चुनाव लड़ने से वंचित हो जाएंगे. इसके अपरिवर्तनीय परिणाम होंगे और उनके राजनीतिक करिअर को क्षति होगी. उन्होंने यह कहते हुए राय की दोषसिद्धि पर तब तक के लिए रोक लगा दी जब तक उनकी अपील पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती.
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निचली अदालत ने 26 अक्टूबर, 2020 को राय को मामले में दोषी करार देते हुए तीन साल के कारावास और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. राय (71 वर्ष) तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे. उन्होंने अपनी अर्जी में कहा था कि वह आगामी ओडिशा विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं और यह जनता की सेवा करने का यह उनका आखिरी मौका हो सकता है.
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