अमित शाह.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज शाम नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक करेंगे, जिसमें उत्तर प्रदेश में हाल ही में लागू किए गए तीन नए आपराधिक कानूनों – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य संहिता के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा की जाएगी. इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे.
बैठक का उद्देश्य कानून-व्यवस्था की स्थिति, न्याय प्रक्रिया में तेजी, और नए प्रावधानों के प्रभाव को समझना है. उत्तर प्रदेश, देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण, इन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विशेष रूप से तैयारियां कर रहा है.
सभी राज्यों और UTs को गृह मंत्रालय का निर्देश
इस बीच, गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) की धारा 479 के प्रावधानों को लागू करने के निर्देश दिए हैं. यह प्रावधान विचाराधीन कैदियों को राहत देने के लिए राज्य जेल प्रशासन द्वारा लागू किया जाना है. मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 1 जनवरी 2025 से निर्धारित प्रारूप में जेलों में धारा 479 के कार्यान्वयन की स्थिति रिपोर्ट प्रदान करने का भी अनुरोध किया है.
इस समीक्षा बैठक को न्याय और कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है, जो आने वाले समय में अपराध नियंत्रण और न्याय वितरण प्रणाली को नए आयाम दे सकती है.
क्या है भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता?
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) की धारा 479 विचाराधीन कैदियों को राहत प्रदान करने से संबंधित है. इस धारा के तहत, उन विचाराधीन कैदियों को राहत दी जाती है जो लंबी अवधि तक बिना मुकदमे के जेल में बंद हैं. यह प्रावधान यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि जो व्यक्ति लंबे समय तक न्यायिक प्रक्रिया का सामना किए बिना जेल में बंद हैं, उन्हें उचित राहत प्रदान की जाए.
धारा 479 के तहत विचाराधीन कैदियों की रिहाई के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की जा सकती हैं, जैसे अपराध की प्रकृति, बंदीगृह में बिताए गए समय की अवधि, और क्या व्यक्ति समाज के लिए खतरा बन सकता है या नहीं. इस प्रावधान का उद्देश्य जेलों में भीड़-भाड़ को कम करना और विचाराधीन कैदियों के लिए न्यायिक प्रक्रिया को तेज करना है.
-भारत एक्सप्रेस
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