नदीम खान. (फाइल फोटो)
मानवाधिकार कार्यकर्ता और APCR (Associations For Protection Of Civil Rights) के राष्ट्रीय सचिव नदीम खान (Nadeem Khan) को दिल्ली हाईकोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है. हाईकोर्ट ने नदीम खान की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दिया है. कोर्ट ने नदीम खान की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्र की सद्भावना इतनी नाजुक नहीं है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने नदीम को राहत देते हुए जांच में सहयोग करने और जांच में शामिल होने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने नदीम खान को आदेश दिया है कि वो जांच अधिकारी के अनुमति के बिना दिल्ली नहीं छोड़ेंगे.
वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ा मामला
नदीम खान ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है. दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा नदीम खान का एक वीडियो वायरल किया गया जो एक प्रदर्शनी से संबंधित था. इस प्रदर्शनी में हेट क्राइम और नफरती भाषणों की वजह से प्रताड़ित होने वालों की घटनाओं को दर्शाया गया था.
30 नवंबर शाम 5 बजे दिल्ली के शाहीन बाग पुलिस स्टेशन के एसएचओ समेत चार पुलिसकर्मी बेंगलोर में नदीम खान के भाई के निजी आवास पर पहुंचे, जहां पर नदीम खान अपने परिवार के साथ मौजूद थे. पुलिस द्वारा बिना किसी वारंट या नोटिस के उन्हें जबरन हिरासत में लेने का प्रयास किया गया.
वहीं पीपुल्स यूनियन फोर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने पूछा है कि पुलिस को ऐसी क्या जल्दी थी कि वह सेक्शन 35 (3) के तहत बगैर कोई नोटिस जारी किए या फिर गिरफ्तारी का बगैर कोई वारंट जारी किए नदीम खान को अपने साथ ले जाने के लिए बेंगलुरु पहुच गई. छह घंटे वहां बिताने के बाद पुलिस की टीम ने एक नोटिस वहां चस्पा कर दिया. आरोप है कि छह घंटों के दौरान पुलिस लगातार नदीम खान और उनके भाई के परिवार को परेशान करती रही.
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-भारत एक्सप्रेस
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