
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए इस कायराना हमले में 26 मासूम नागरिकों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. इस हमले ने न सिर्फ एक शांत पर्यटन स्थल को खून और आंसुओं से भर दिया, बल्कि भारत की सहनशीलता की सीमाओं को भी लांघ दिया.
इस दर्दनाक घटना के बाद भारत सरकार ने तेजी से कार्रवाई करते हुए एक के बाद एक कड़े कदम उठाए. आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को और सख्त करते हुए भारत ने पाकिस्तान को सीधे तौर पर घेरने का फैसला लिया. बुधवार को नई दिल्ली में पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक सआद अहमद वर्रैच को तलब किया गया और उनके सैन्य राजनयिकों के लिए औपचारिक रूप से ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ नोट सौंपा गया. इसका मतलब है कि अब इन पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को अवांछित घोषित कर भारत छोड़ने का आदेश दे दिया गया है.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई CCS की बैठक
हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की आपात बैठक की अध्यक्षता की. यह बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली. इस अहम बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस वार्ता में पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी दी. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि इस आतंकी हमले की गंभीरता को देखते हुए सीसीएस ने पांच बड़े निर्णय लिए.
पांच बड़े फैसले, जो भारत ने लिए
- पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को सौंपा गया ‘Persona Non Grata’: नई दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया है. इन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने के आदेश दिए गए हैं.
- भारतीय सैन्य अधिकारी भी इस्लामाबाद से वापस बुलाए जाएंगे: भारत ने भी अपने रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग से वापस बुलाने का निर्णय लिया है. दोनों देशों के उच्चायोगों में ये पद अब समाप्त माने जाएंगे. इसके साथ ही सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी हटाया जाएगा.
- अटारी सीमा चौकी तत्काल बंद: भारत-पाकिस्तान के बीच अटारी स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा. जिन लोगों ने वैध दस्तावेजों के साथ भारत में प्रवेश किया है, वे 1 मई 2025 तक उसी रास्ते से वापस लौट सकते हैं.
- सिंधु जल संधि निलंबित: भारत ने पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. यह निर्णय तब तक प्रभावी रहेगा जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह और विश्वसनीय रूप से बंद नहीं करता.
- SAARC वीजा छूट योजना रद्द: पाकिस्तान के नागरिक अब दक्षेस वीजा छूट योजना (SVES) के तहत भारत यात्रा नहीं कर सकेंगे. पहले से जारी सभी SVES वीजा रद्द माने जाएंगे. जो पाकिस्तानी नागरिक वर्तमान में इस वीजा पर भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ना होगा.
विदेश सचिव ने यह भी बताया कि 1 मई, 2025 तक दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या को मौजूदा 55 से घटाकर 30 किया जाएगा.
विदेश सचिव ने कहा कि CCS ने समग्र सुरक्षा स्थिति की गंभीर समीक्षा की और सभी सुरक्षा बलों को अत्यधिक सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने दोहराया कि हमले के जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा और आतंक के प्रायोजकों को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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