Bharat Express

आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख सख्त: सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार आतंक के खिलाफ बड़ा संदेश- वी कंदासामी

आर्थिक विशेषज्ञ वी कंदासामी ने सिंधु जल संधि पर भारत के रुख को आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम बताया, कहा- अब समय है पाकिस्तान को सख्त संदेश देने का.

V Kandasamy

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के संकेतों को लेकर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री वी कंदासामी ने इसे एक “साहसिक और राष्ट्रहित में उठाया गया फैसला” बताया है. समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने इस निर्णय को भारत की रणनीतिक सोच और सुरक्षा नीति में आए बदलाव का प्रतीक बताया.

अब सख्ती दिखाने का समय है

वी कंदासामी ने कहा कि भारत ने अतीत में पाकिस्तान से कई बार युद्ध लड़े हैं, लेकिन सिंधु जल संधि को कभी गंभीरता से नहीं लिया गया. अब जब आतंकवाद बार-बार भारत को निशाना बना रहा है, तो इस संधि को स्थगित करना एक मजबूत राजनीतिक संदेश है. इससे पाकिस्तान को अपने रवैये में बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

पानी पर नियंत्रण का सामरिक महत्व

कंदासामी ने बताया कि वर्तमान में भारत सिंधु जल संधि के तहत महज 30% जल का उपयोग करता है, जबकि 70% पानी पाकिस्तान को जाता है. यह व्यवस्था 1970 के दशक में विश्व बैंक की मध्यस्थता में बनी थी. उन्होंने कहा कि यदि भारत अगले कुछ वर्षों में जरूरी बांध और नहरें विकसित कर ले, तो यह सामरिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से बड़ा लाभकारी कदम होगा.

इंफ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग की जरूरत

उन्होंने यह भी माना कि फिलहाल भारत के पास पूरे पानी के उपयोग के लिए पर्याप्त आधारभूत ढांचा नहीं है. यह निर्णय अभी प्रतीकात्मक है, लेकिन यह स्पष्ट करता है कि भारत अब आतंकवाद के प्रति कड़ा रुख अपनाएगा. “हमारी इंजीनियरिंग क्षमता आज इतनी है कि हम इस दिशा में बड़ी योजनाएं सफलतापूर्वक लागू कर सकते हैं,” उन्होंने कहा.

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को बनाना होगा मजबूत पक्ष

कंदासामी ने सुझाव दिया कि भारत को पुख्ता सबूतों के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी बात रखनी चाहिए, ताकि वैश्विक समर्थन हासिल हो सके और पाकिस्तान दुनिया से अलग-थलग पड़ जाए.

रणनीतिक सोच और वैश्विक समर्थन की ज़रूरत

अर्थशास्त्री ने यह भी चेताया कि भारत को अपनी रणनीति को संतुलित रखना होगा, क्योंकि यदि कोई और शक्तिशाली देश ऐसी रणनीति भारत के खिलाफ अपनाए, तो उसका असर कहीं अधिक गंभीर हो सकता है. लेकिन वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में भारत के पास एक अवसर है कि वह आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभा सके.

उन्होंने अंत में कहा कि भारत अब एकतरफा नहीं, बल्कि ठोस रणनीतिक सोच के साथ आगे बढ़ रहा है — और यह परिवर्तन पूरे विश्व को स्पष्ट दिखाई दे रहा है.

ये भी पढ़ें: “भारत हर आतंकवादी की पहचान करेगा, उसे खोजेगा और सजा देगा”, पीएम मोदी ने मंच से दुनिया को दिया संदेश- अब नहीं बचेंगे आतंकी

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read