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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद वैभव जैन की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका हुई खारिज

जैन पर आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाई और कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपए के काले धन को भी सफेद किया है।

राउज एवेन्यू कोर्ट ने

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद वैभव जैन की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका राउज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज कर दिया है. राऊज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद 27 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था. बता दें कि  ईडी ने गत साल अप्रैल में धन शोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रु पए की अचल संपत्तियां कुर्क की थी. जैन पर आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाई और कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपए के काले धन को भी सफेद किया है।

कई शेल कंपनियां बनाने का आरोप

ईडी ने गत साल अप्रैल में धन शोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रु पए की अचल संपत्तियां कुर्क की थी. जैन पर आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाई और कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपए के काले धन को भी सफेद किया है.

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ईडी ने जैन को भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत वर्ष 2017 में उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर एक मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. जैन पर कथित तौर पर उससे जुड़ी चार कंपनियों के जरिए धन शोधन करने का आरोप है. सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में कथित तौर पर 1.47 करोड़ रु पये की संपत्ति जमा करने के आरोप में जैन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. बाद में ईडी ने धन शोधन के मामले में 4.81 करोड़ रु पए की संपत्ति कुर्क की थी.



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