घोसी से ओपी राजभर ने बेटे अरविंद को बनाया प्रत्याशी.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर हर एक सियासी दल अपने जीत का दावा कर रहा है वहीं हर गठबंधन खुद को सरकार बनाने का सबसे बड़ा दावेदार बता रहा है. देश में 2014 से एनडीए गठबंधन की सरकार है और भारतीय जनता पार्टी देश के हर एक जिले में अपना कार्यालय बनाने की मुहिम में लगी हुई है लेकिन आबादी के मामले में सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में एक ऐसी लोकसभा है जिसमें आज़ादी के बाद से आज तक बस एक बार ही भारतीय जनता पार्टी का खाता खुला है.
उस लोकसभा क्षेत्र का सियासी समीकरण कुछ ऐसा है कि उस लोकसभा क्षेत्र का कभी उत्तर भारत एक बड़े सियासी शख्सियत नेतृत्व किया करते थे. उस लोकसभा क्षेत्र का नाम कुछ और नहीं बल्कि 70 घोसी लोकसभा क्षेत्र है जिसका नेतृत्व वर्तमान समय में बहुजन समाज पार्टी के अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय कर रहे हैं. घोसी को कभी कम्युनिस्टो का गढ़ कहा जाता था. कम्युनिस्ट पार्टी से जयबहादुर सिंह उर्फ जय राय कई बार सांसद एवं विधान परिषद के सदस्य बने, जयबहादुर सिंह का साथ दिया झारखंडे राय ने. झारखण्डे राय घोसी से कई बार विधायक एवं सांसद निर्वाचित हुए, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे.
जिसकी लहर उसको वोट देती है घोसी की जनता
संविधान समिति के सदस्य अलगू राय शास्त्री घोसी के पहले सांसद निर्वाचित हुए वहीं जनता पार्टी की लहर में यहां जनता पार्टी का भी खाता खुला था और शिवराम राय सांसद निर्वाचित हुए थे. इंदिरा गांधी के हत्या के बाद कांग्रेस की लहर में राजकुमार राय ने सांसद बनकर घोसी में कांग्रेस की फिर से जड़ जमाई लेकिन केन्द्रीय मंत्री कल्पनाथ राय के सियासी कैरियर के आगे सबका कद कमतर हो गया और कल्पनाथ राय ने जो विकास के कार्य मऊ के लिए कराए उतना जनहित का काम आज तक कोई भी घोसी लोकसभा क्षेत्र का सांसद नही करा पाया है.
2014 में भाजपा ने दर्ज की थी जीत
घोसी लोकसभा क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश की एक ऐसी लोकसभा है जिसमें आज़ादी के बाद से आज तक बस एक बार ही कमल खिला है, 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की लहर में भारतीय जनता पार्टी घोसी लोकसभा क्षेत्र में जीत दर्ज करने में कामयाब रही. मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर हरिनारायण राजभर ने जीत दर्ज करके घोसी में भाजपा का खाता खोला था.