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Lucknow Zoo : बाड़े की सफाई करने गए कर्मी पर दरियाई घोड़ा ने बोला हमला, पटककर उतारा मौत के घाट, मचा हड़कम्प

घटना से आहत सूरज के परिजनों ने देर शाम चिड़ियाघर में हंगामा किया. मृतक सूरज के चाचा व अन्य परिवारीजनों ने सूरज को बाड़े में धक्का दिए जाने का आरोप लगाया. इसी के साथ ही सूरज की पत्नी को सरकारी नौकरी दिए जाने की भी मांग की.

फोटो-सोशल मीडिया

Lucknow Zoo : लखनऊ प्राणि उद्यान से बड़ी खबर सामने आ रही है. सोमवार को यहां सफाई करने गए दो कर्मचारियों पर मादा दरियाई घोड़ा (हिप्पो) इंदिरा ने हमला बोल दिया. इस दौरान कीपर ने किसी तरह जान बचाई लेकिन सफाईकर्मी सूरज को हिप्पो ने पटककर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया. घटना के बाद उसे आनन-फानन में सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. तो दूसरी ओर घटना से आक्रोशित सूरज के परिवारवालों ने देर शाम प्राणि उद्यान पहुंचकर खूब हंगामा किया और घटना का आरोप जू प्रशासन पर लगाया.

बता दें कि सूरज ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के बरौरा के रहने वाले थे और वह करीब 12 साल से चिड़ियाघर में संविदा पर सफाईकर्मी तैनात थे और उनको बतौर वेतन प्रतिमाह 5500 रुपये मिलते थे. सोमवार को प्राणि उद्यान बंद था और सफाई कार्य जारी था. इसी दौरान सफाईकर्मी सूरज व कीपर राजू सुबह करीब 10:30 बजे दरियाई घोड़ा इंदिरा के बाड़े में भोजन व सफाई की व्यवस्था के लिए गए. तो इंदिरा ने दोनों पर हमला बोल दिया. घटना की जानकारी मिलने पर प्राणि उद्यान के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और दोनों कर्मियों को बाड़े से बाहर निकाला गया और दोनों को तुरंत गंभीर हालत में सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां इमरजेंसी में मौजूद डॉ. राहुल ने जांच-पड़ताल करने के बाद सूरज को मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद से ही परिवार में कोहराम मचा है. सूरज के घर में पत्नी लता और बेटा-बेटी हैं. सभी का रो-रो कर बुरा हाल है तो वहीं चिड़ियाघर की निदेशक अदिति शर्मा सहित अन्य अधिकारी भी सूचना मिलने के बाद सिविल अस्पताल में मौजूद रहे. वहीं इस घटना के बाद बिना सुरक्षा के कर्मचारियों को इंदिरा के बारे में जाने देने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस घटना के पीछे लापरवाही साफ बताई जा रही है. बता दें कि 4 दिसंबर को ही कानपुर चिड़ियाघर से इंदिरा को लखनऊ लाया गया था.

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राजू ने बताई रूह कंपा देने वाली कहानी

इस घटना को लेकर कीपर राजू ने मीडिया को आंखों देखी बताई और कहा कि सूरज बाड़े की सफाई कर ही रहे थे कि इंदिरा ने हमला कर दिया था. उसके तेवर को देखते ही मैं हमले से बचाव के लिए सुरक्षा के लिए बनाई गई दीवार पर कूदकर चढ़ गया और फिर दीवार पर लेट गया, लेकिन सूरज दीवार पर नहीं चढ़ पाए और फिर इंदिरा ने सूरज को दो बार पटकने के बाद छोड़ दिया, जिससे वह गम्भीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल ले जाने पर उनको मृत घोषित कर दिया गया. जू की निदेशक अदिति शर्मा ने कहा कि यह एक दुखद घटना है. प्राणि उद्यान प्रशासन पीड़ित परिवार के साथ हमेशा खड़ा रहेगा.

परिजनों ने किया हंगामा

घटना से आहत सूरज के परिजनों ने देर शाम चिड़ियाघर में हंगामा किया. सूरज के चाचा व अन्य परिवारीजनों ने सूरज को बाड़े में धक्का दिए जाने का आरोप लगाया. इसी के साथ ही सूरज की पत्नी को सरकारी नौकरी दिए जाने की भी मांग की. हालांकि प्राणि उद्यान प्रशासन ने पीड़ित परिवार को पचास हजार रुपये की आर्थिक मदद दी है.

पहले भी हो चुकी हैं कई घटनाएं

बता दें कि लखनऊ जू में पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं. मीडिया सूत्रों के मुताबिक 1995 में प्राणि उद्यान के डॉक्टर आरके दास खूंखार गेंडे लोहित का इलाज करते थे. इसी दौरान लोहित ने उन पर हमला बोल दिया था और उनको दबाकर मार डाला था. इस घटना के कुछ ही समय बाद एक युवक शाम को पतंग लूटने की वजह से बाड़े में कूद गया था और गेंडे लोहित ने उसे भी पटककर बाड़े में ही मार डाला था. सफाईकर्मी अकेले कभी बाड़े में नहीं जाते हैं. प्रोटोकाल के तहत कीपर भी अंदर संग जाता है. कीपर को ही जानवर के बारे में पूरी जानकारी रहती है. फिलहाल इस घटना के पीछे लापरवाही बड़ी वजह बताई जा रही है.

-भारत एक्सप्रेस

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