Bharat Express

Manmohan Singh Last Rites: पंचतत्व में विलीन हुए मनमोहन सिंह, राजकीय सम्मान के साथ दी गई विदाई

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के मंत्रियों ने निगमबोध घाट पर डॉ. मनमोहन सिंह को अंतिम श्रद्धांजलि दी.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी आदि नेताओं ने दिल्ली के निगमबोध घाट पर मनमोहन सिंह को अंतिम विदाई दी. (फोटो: IANS)

पूर्व प्रधानमंत्री और विश्व विख्यात अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह शनिवार (28 दिसंबर) को पंचतत्व में विलीन हो गए. तिरंगे झंडे में लिपटे पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ राजधानी दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया. उनकी बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी.

यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के मंत्री मौजूद रहे.

सेना ने दी सलामी

अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सलामी दी. निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की. भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया. इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं.

राहुल और खड़गे ने दी श्रद्धांजलि

अंतिम संस्कार के दौरान परिसर में ‘डॉ. मनमोहन सिंह अमर रहे’, ‘डॉ. साहब अमर रहे’ के नारे गूंजते रहे. पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आज उन्हें अंतिम विदाई दी. उनकी विनम्रता, मार्गदर्शन और देश के लिए उनका योगदान इतिहास के पन्नों में सदा जीवित रहेंगे. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी को देश और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से आखिरी सलाम.’

पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, प्रियंका गांधी वाड्रा और विभिन्न पार्टियों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे एवं विदेशी गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान नई दिल्ली के निगमबोध घाट तैनात सुरक्षाकर्मी. (फोटो: IANS)

कांग्रेस मुख्यालय से शुरू हुई अंतिम यात्रा

पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में ‘जब तक सूरज चांद रहेगा मनमोहन सिंह का नाम रहेगा’, ‘मनमोहन सिंह भारत मां का लाल’ जैसे नारे लगाए गए. शनिवार सुबह फूलों से सजे वाहन में पूरे सम्मान के साथ भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना के अधिकारी उनका पार्थिव शरीर लेकर कांग्रेस मुख्यालय आए. यहां स्वर्गीय मनमोहन सिंह की धर्मपत्नी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद थे. इसके बाद उन्हें निगमबोध घाट ले जाया गया.

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का ध्वज अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि देने के बाद पार्थिव शरीर को निगमबोध घाट लाया गया. यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने पूर्व प्रधानमंत्री को अंतिम श्रद्धांजलि दी. औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर के बाद 21 तोपों की सलामी के साथ पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

स्मारक ​के लिए जगह होगी आवंटित


सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित करने के कांग्रेस के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. कांग्रेस चाहती थी कि उनका अंतिम संस्कार ऐसी जगह हो जहां उनके सम्मान में स्मारक बनाया जा सके. संयोग से मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने ही अलग स्मारक की मांग को रोका था. देर रात जारी एक बयान में गृह मंत्रालय ने बताया कि कैबिनेट बैठक के बाद अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार को बताया कि सरकार स्मारक के लिए जगह आवंटित करेगी.

आर्थिक सुधारों के निर्माता

मनमोहन सिंह भारत के 1991 के आर्थिक सुधारों के निर्माता के रूप में विख्यात थे. वित्त मंत्री और बाद में प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल ने भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदल दिया, इसकी नीतियों का आधुनिकीकरण किया और राष्ट्र को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एकीकृत किया. उनकी गिनती देश के बड़े अर्थशास्त्रियों में होती थी.

मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक दो बार प्रधानमंत्री रहे थे. वह 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता भी रहे. हालांकि, साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली जीत के बाद उन्होंने देश के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्होंने यूपीए-1 और 2 में प्रधानमंत्री का पद संभाला था. उन्होंने पहली बार 22 मई 2004 और दूसरी बार 22 मई 2009 को प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली थी.

सूचना और शिक्षा का अधिकार


प्रधानमंत्री के रूप में उनके दो कार्यकाल के दौरान सूचना का अधिकार (RTE), शिक्षा का अधिकार (RTI) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) सहित परिवर्तनकारी नीतियों की शुरुआत हुई, जिसने लाखों लोगों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला.

सिंह ने 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर के रूप में भी काम किया, यह वह अवधि थी जिसने उनकी आर्थिक सूझबूझ को और भी उजागर किया. तीन दशकों से ज्यादा समय तक फैली उनकी राजनीतिक यात्रा सिर्फ राज्यसभा तक ही सीमित रही. 1991 में पहली बार चुने जाने के बाद उन्होंने 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता के रूप में काम किया और फिर प्रधानमंत्री बने तथा भारत को इतिहास के एक परिवर्तनकारी दौर से गुजारा.

पाकिस्तान में हुआ था जन्म

डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. उनके पिता का नाम गुरमुख सिंह और मां का नाम अमृत कौर था. उन्होंने साल 1958 में गुरशरण कौर से शादी की थी. उनकी तीन बेटियां भी हैं, जिनका नाम उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह हैं.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read