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EVM तोड़फोड़ मामला: Supreme Court ने हाईकोर्ट के इस फैसले को क्यों बताया ‘न्याय का मजाक’

सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वह लंबित याचिका पर पूरी तरह से अपनी योग्यता के आधार पर, पिछली टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना निर्णय ले.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट.

सुप्रीम कोर्ट ने बीते सोमवार को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एक आदेश की आलोचना की, जिसमें राज्य के माचेरला विधानसभा क्षेत्र में एक पोलिंग बूथ पर एक ईवीएम और वीवीपीएटी मशीन को नष्ट करने के आरोपी YSRCP विधायक पिन्नेली रामकृष्ण रेड्डी को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की.

इसी के साथ पीठ ने 4 जून को निर्वाचन क्षेत्र के लिए बने मतगणना केंद्र पर रेड्डी के प्रवेश पर भी रोक लगा दी. युवजन श्रीमिका राइथु कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के विधायक रेड्डी ने जस्टिस अरविंद कुमार और संदीप मेहता से वादा किया कि वह मतगणना केंद्र से दूर रहेंगे.

YSRCP MLA को कथित तौर पर पालनाडु जिले के मचेरला निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदान केंद्र में ईवीएम को नुकसान पहुंचाने वाले वीडियो पर देखा गया था. सुप्रीम कोर्ट ने घटना का वीडियो देखने के बाद रेड्डी को दी गई अस्थायी सुरक्षा की आलोचना की, इसे न्याय प्रणाली का मजाक बताया.

हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष अदालत ने सवाल किया कि रेड्डी को अंतरिम जमानत क्यों दी गई, जिसमें फैसले की अत्यधिक आलोचना हुई. सुप्रीम कोर्ट आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मामले में रेड्डी को अंतरिम राहत देने के फैसले को चुनौती देने वाली एक दलील की समीक्षा कर रहा था.

सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वह 6 जून के लिए सूचीबद्ध लंबित याचिका पर पूरी तरह से अपनी योग्यता के आधार पर, पिछली टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना निर्णय ले.


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क्या है मामला

बीते 21 मई को एक वीडियो सामने आया था, जिसमें YSRCP विधायक रेड्डी अपने समर्थकों के साथ पालवागेट गांव में पोलिंग स्टेशन नंबर 202 में प्रवेश करने के बाद ईवीएम तोड़ते और वीवीपीएटी मशीन को नुकसान पहुंचाते नजर आए थे. वीडियो सोशल मीडिया पर जल्द ही वायरल हो गया था.

चुनाव आयोग ने घटना का गंभीरता से नोटिस लिया और राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी एमके मीणा से स्पष्टीकरण के लिए कहा था. इसने डीजीपी से विधायक के खिलाफ किए गए कार्यों के बारे में एक रिपोर्ट का भी अनुरोध किया. आयोग ने डीजीपी को निर्देश दिया था कि वे विधायक के साथ इस तरह की घटनाओं में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करें.

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले में रेड्डी को अग्रिम जमानत दे दी थी.

बीते 13 मई को ईवीएम को मचेरला निर्वाचन क्षेत्र में सात मतदान केंद्रों पर क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. दक्षिणी राज्य के कई जिलों में चुनाव संबंधी हिंसा भी हुई थी, जिसमें पालनाडु, तिरुपति और अनंतपुर शामिल थे.

-भारत एक्सप्रेस

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