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दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में कथित अनियमितताओं से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग मामला; कोर्ट ने जीशान हैदर और दाउद नासिर को जमानत देने से किया इनकार

अदालत ने कहा कि संपत्ति की खरीद से संबंधित लेनदेन नकद और बैंकिंग चैनलों दोनों में हुए थे, जिनकी कुल राशि लगभग 36 करोड़ रुपये थी.

Delhi Highcourt

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दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार जीशान हैदर और दाउद नासिर को जमानत देने से इनकार कर दिया है. इस मामले में आप विधायक अमानतुल्लाह खान भी शामिल हैं. न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने आरोपी जीशान हैदर और दाउद नासिर की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत जमानत देने पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त सामग्री मौजूद है. दोनों आरोपियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नवंबर 2023 में गिरफ्तार किया था.

न्यायमूर्ति शर्मा ने 1 जुलाई को पारित आदेश में कहा कि अमानतुल्लाह खान ने कथित तौर पर बेनामीदारों, हैदर और नासिर के नाम पर उनके वास्तविक मूल्य को छिपाकर और विक्रेता को नकद में भुगतान की गई राशि को सक्रिय रूप से छिपाकर अचल संपत्तियां खरीदीं. अदालत ने कहा प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्यों से पता चलता है कि अमानतुल्लाह खान ने अपने करीबी सहयोगियों यानी वर्तमान आरोपियों और अन्य लोगों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची थी और उसी के तहत उसने अपने अवैध रूप से अर्जित धन यानी अपराध की आय को अपने सहयोगियों यानी जीशान हैदर, दाउद नासिर और अन्य के माध्यम से अचल संपत्तियों में निवेश किया था.

अदालत ने कहा कि संपत्ति की खरीद से संबंधित लेनदेन नकद और बैंकिंग चैनलों दोनों में हुए थे, जिनकी कुल राशि लगभग 36 करोड़ रुपये थी. इस प्रकार इस स्तर पर इस अदालत के समक्ष लाई गई सामग्री दोनों आवेदकों पर पीएमएलए की धारा 45 के तहत प्रतिबंध लगाने के लिए पर्याप्त है. उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए यह अदालत वर्तमान आवेदकों यानी जीशान हैदर और दाउद नासिर को नियमित जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं मानती. खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों से उपजा है. एजेंसी ने अभियोजन शिकायत (ईडी के आरोप पत्र के समकक्ष) में पांच लोगों का नाम लिया है, जिसमें खान के तीन कथित सहयोगी जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी शामिल हैं.

ईडी जिसने पहले विधायक के परिसरों पर छापेमारी की थी, ने दावा किया है कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के माध्यम से नकदी में अपराध की बड़ी आय अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए उनका निवेश किया. ईडी ने कहा है कि कर्मचारियों की अवैध भर्ती और 2018-2022 के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देने के जरिए आरोपियों द्वारा किए गए नाजायज व्यक्तिगत लाभ से संबंधित मामले में तलाशी ली गई थी, जब खान इसके अध्यक्ष थे.

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-भारत एक्सप्रेस

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