एमपी में 6 जजों की बर्खास्तगी मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्णय।
MP 6 women judge simultaneous dismissal Case: एमपी में सरकार ने 6 महिला जजों को बर्खास्त कर दिया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्वतः संज्ञान लिया. मामले की सुनवाई जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने की. मामले में गौरव अग्रवाल को न्याय मित्र नियुक्त किया गया है.
बता दें कि जून 2023 में तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने एमपी हाईकोर्ट की सिफारिश पर 6 जजों को बर्खास्त कर दिया था. जांच में 6 जजों का काम असंतोषजनक पाए जाने के बाद राज्य के कानून विभाग द्वारा इनको बर्खास्तगी का आदेश पारित किए गए थे.
इन जजों की सेवाएं हुईं समाप्त
जिन जजों की सेवाएं समाप्त की गई हैं उनमें उमरिया में पदस्थ सरिता चौधरी, रीवा में पदस्थ रचना अतुलकर जोशी, इंदौर से प्रिया शर्मा, मुरैना से सोनाक्षी जोशी, टीकमगढ़ से अदिति कुमार शर्मा और टिमरनी से ज्योति बरखड़े शामिल हैं.
बिना शिकायत के लिया एक्शन
जजों में से एक जज द्वारा दायर आईए के अनुसार, चार साल तक बेदाग सेवा रिकॉर्ड होने और उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं थीं इसके बावजूद उन्हें बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के गैरकानूनी रूप से सेवाएं समाप्त कर दी गईं. उन्होंने दलील दी कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. उनके साथ कितनी मनमानी की गई है.