
प्रतीकात्मक फोटो.
MP News: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले से एक विचित्र मामला सामना आया है. जिले के मुलताई के एक दिहाड़ी मजदूर को इनकम टैक्स विभाग से 314.79 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है. महाराष्ट्र आयकर विभाग द्वारा जारी किए गए इस नोटिस ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया, मजदूर की पत्नी इस खबर से इतनी परेशान हो गई कि उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा.
मामला तब सामने आया, जब महाराष्ट्र आयकर विभाग ने बैतूल के मुलताई नगर पालिका से अंबेडकर वार्ड निवासी चंद्रशेखर पंडित राव कोहाड़ की अचल संपत्ति की जानकारी मांगी. जांच में पता चला कि जिस जमीन का जिक्र था, वह चंद्रशेखर के नाम पर नहीं, बल्कि आमला के देवठान निवासी मनोहर हरकचंद पुत्र राधेलाल किराड़ के नाम पर दर्ज है. नगर पालिका ने यह जवाब आयकर विभाग को भेज दिया. नगर पालिका के कर्मचारियों ने एक सप्ताह तक चंद्रशेखर की खोज की, लेकिन उनकी संपत्ति का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला.
मैं हार्ट पेशंट रोगी हूं, मेरी भी हालत खराब हो गई है: मजदूर
यह नोटिस सबसे पहले चंद्रशेखर कोहाड़े के नागपुर स्थित पते पर भेजा गया था, जहां वह ठेकेदार और दूध विक्रेता के रूप में काम करते हुए पहले रहता था. यह पता चलने पर कि वह अब वहां नहीं रहता है, अधिकारियों ने उसका वर्तमान स्थान मध्य प्रदेश के मुलताई में पाया और उसी के अनुसार नोटिस भेज दिया.
वहीं, चंद्रशेखर पंडित राव कोहाड़ने कहा, “नोटिस मिलने के बाद मेरा जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मैंने कभी इतनी बड़ी राशि के बारे में सोचा भी नहीं था, जितना टैक्स मुझसे मांगा जा रहा है. इसकी वजह से मुझे प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. मेरी पत्नी की तबीयत बिगड़ गई है और घर में तनाव का माहौल है. मैं हार्ट पेशंट रोगी हूं, मेरी भी हालत खराब हो गई है.”
बैंक खाते के दुरुपयोग पर शक
मुलताई में किराए के मकान में रह रहे चंद्रशेखर कोहाड़े ने कहा कि वह इस घटनाक्रम से पूरी तरह हैरान हैं. उन्हें संदेह है कि नागपुर के श्रीनाथ मंगलम बैंक में उनके बैंक खाते का दुरुपयोग किया गया है, जिसे उन्होंने चार साल पहले खोला था.
कोहाड़े ने बताया, “मैं रोजाना 200 से 300 रुपये जमा करता था. खाता खोलने वाले बैंक एजेंट ने मेरा फोन नंबर तो ले लिया, लेकिन उसे कभी खाते से लिंक नहीं किया. मुझे किसी भी लेन-देन की जानकारी नहीं दी गई. उसने मेरी पासबुक रख ली और पैसे जमा करने के बाद डायरी में मेरे हस्ताक्षर ही लिए.”
विभाग ने जब्ती की कार्यवाही शुरू की
आयकर विभाग ने कोहाड़े को 4 अप्रैल को नोटिस जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि उसने 314.79 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया है. उन्होंने मुलताई नगर पालिका को एक पत्र भी भेजा, जिसमें कोहाड़े की संपत्ति जब्त करने का अनुरोध किया गया. हालांकि, अधिकारी एक सप्ताह तक उसका पता नहीं लगा पाए. सोमवार शाम को जब उन्होंने आखिरकार उसे ढूंढ निकाला, तो वे यह जानकर चौंक गए कि कागजों में करोड़पति के रूप में सूचीबद्ध व्यक्ति वास्तव में एक मामूली मजदूर था, जो अपना गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहा था.
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-भारत एक्सप्रेस
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