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‘माथे पर तिलक… हाथ में कलावा और हिंदू नाम का सहारा’ पुलिस से ऐसे बचते रहे रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के दोनों आरोपी

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के रामेश्वर कैफे ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार 2 आरोपियों को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. आरोपियों ने खुद का हिंदू नाम रखकर अपनी असली पहचान का छिपाया था.

Rameshwaram Cafe Blast

NIA ने ब्लास्ट के दो आरोपियों को किया अरेस्ट

Rameshwaram Cafe Blast Case: बेंगलुरू के रामेश्वर कैफे ब्लास्ट मामले में एनआईए ने शनिवार को 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद इन्हें एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया. जहां से दोनों आरोपियों को NIA की 10 की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

NIA की रिमांड में भेजे गए दोनों आरोपी

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन अहमद ताहा शामिल है. आरोपियों को एक मार्च को यहां रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट में उनकी कथित भूमिका के लिए ‘ट्रांजिट रिमांड’ पर कोलकाता से बेंगलुरू लाया गया. इस ब्लास्ट में 10 लोग घायल हो गए थे.

NIA ने रखा था 10 लाख रुपये इनाम

एनआईए के मुताबिक, शाजिब ने कैफे में आईईडी रखा था और ताहा इसका मास्टरमाइंड था. पिछले महीने एनआईए ने इन दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वालों को 10-10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी.

लगातार बदल रहे थे पहचान

बता दें इन आरोपियों ने ब्लास्ट की वारदात को अंजाम देने के बाद पुलिस को चकमा देकर बचते आ रहे थे. इनके पास से एनआईए ने फर्जी दस्तावेज और दर्जनों सिमकार्ड बरामद किए हैं. फर्जी आधार कार्ड, पहचान पत्र के अलावा लगातार जगह बदल रहे थे. इन आरोपियों ने हिंदू नाम रखकर खुद की असली पहचान छिपा रहे थे. इसके साथ ही माथे पर टीका और हाथ में कलावा बांध रखे थे.

दोनों आरोपी बांग्लादेश भागने की फिराक में थे. विस्फोट के बाद से ये आरोपी किसी भी एक जगह पर ज्यादा दिनों तक नहीं रुके. 2-3 दिनों में होटल या फिर लॉज बदल देते थे. हर जगह पर एक नए नाम के साथ ठहरते थे.

-भारत एक्सप्रेस

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