Bharat Express

भारत को 2047 तक इस्लामिक देश बनाने की साजिश- NIA ने PFI ने खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

NIA Charge sheet against PFI: जांच एजेंसी के प्रवक्ता द्वारा बताया गया कि वे (आशिफ और सर्राफ) पीएफआई के प्रशिक्षित सदस्य हैं, जो हिंसक वारदातों को अंजाम देने के लिए संगठन के लिए भोले-भाले मुस्लिम युवाओं की भर्ती करने में शामिल थे.

PFI

प्रतीकात्मक तस्वीर

NIA Charge sheet against PFI: एनआईए (NIA) ने प्रतिबंधित संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (PFI) के दो गिरफ्तार सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. एक अधिकारी ने बताया कि चार्जशीट (Charge sheet) राजस्थान में संगठन द्वारा चलाई जा रही उग्रवादी गतिविधियों और एजेंडे से संबंधित मामले में दाखिल की गई है.

एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि सोमवार को कोटा के मोहम्मद आसिफ उर्फ ​​‘आसिफ’ और राजस्थान के बारां के सादिक सर्राफ पर यहां की एक विशेष अदालत में भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. एजेंसी द्वारा इस मामले में दाखिल किया गया पहला आरोप पत्र है, जिसे पिछले साल 19 सितंबर को एनआईए मुख्यालय, नयी दिल्ली में दर्ज किया गया था.

भारत में विभिन्न समुदायों के बीच खाई पैदा करने की थी कोशिश

आसिफ और सर्राफ के अलावा उदयपुर के एक अन्य पीएफआई सदस्य मोहम्मद सोहेल को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. अधिकारी ने कहा कि यह मामला आपराधिक साजिश की जांच के सिलसिले में दर्ज किया गया था, जिसे पीएफआई सदस्यों द्वारा भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को कट्टर बनाकर और उन्हें हथियारों का प्रशिक्षण देकर भारत में विभिन्न समुदायों के बीच खाई पैदा करने के उद्देश्य से रचा गया था.

ये भी पढ़ें: Umesh Pal Murder Case: वारदात से डेढ़ घंटे पहले ही शूटर्स ने बंद कर दिए थे अपने मोबाइल, दूसरे दिन अतीक की पत्नी ने की चैट, फिर भी नहीं पकड़ सकी पुलिस

पीएफआई ने रची साजिश

उन्होंने कहा कि आरोपियों का मकसद आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाकर भारत में 2047 तक इस्लामिक शासन कायम करना था. जांच एजेंसी के प्रवक्ता द्वारा बताया गया कि वे (आशिफ और सर्राफ) पीएफआई के प्रशिक्षित सदस्य हैं, जो हिंसक कृत्यों को अंजाम देने के वास्ते संगठन के लिए भोले-भाले मुस्लिम युवाओं की भर्ती करने में शामिल थे.

इसके पहले, बिहार के फुलवारी शरीफ में पीएफआई कार्यकर्ताओं ने ऐलान किया था कि पीएफआई का काम नहीं रुकना चाहिए और फंडिंग होती रहे. पिछले साल फुलवारी शरीफ में पीएएफआई ने एक ट्रेनिंग रखी थी जिसको लेकर आरोप है कि इस ट्रेनिंग के जरिए हिंसा के लिए उकसाया गया था.



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read