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‘700 से ज्यादा किसानों की शहादत से मन नहीं भरा’, कृषि कानून वापस लाने के Kangana Ranaut के बयान पर Rahul Gandhi का पलटवार

भाजपा सांसद कंगना रनौत ने प्रधानमंत्री से 2021 में निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों को बहाल करने के लिए कहने का आग्रह किसानों से किया था, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है.

राहुल गांधी और कंगना रनौत.

भाजपा सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) द्वारा केंद्र सरकार से 2020 में निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को फिर से लागू करने के लिए कहने का आग्रह करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार (25 सितंबर) को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी सरकार कानून के खिलाफ है या नहीं.

राहुल गांधी का भाजपा पर हमला

सोशल साइट एक्स पर किए गए एक वीडियो पोस्ट में राहुल गांधी ने कहा, ‘सरकार की नीति कौन तय कर रहा है? एक भाजपा सांसद या प्रधानमंत्री मोदी? 700 से ज्यादा किसानों, खासकर हरियाणा और पंजाब के किसानों की शहादत लेकर भी भाजपा वालों का मन नहीं भरा.’

उन्होंने कहा, ‘INDIA गठबंधन हमारे अन्नदाताओं के विरुद्ध भाजपा का कोई भी षड्यंत्र कामयाब नहीं होने देगा – अगर किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए कोई भी कदम उठाया जाएगा तो मोदी जी को फिर से माफी मांगनी पड़ेगी.’

हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने अपनी टिप्पणी से एक और विवाद खड़ा कर दिया था, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री से 2021 के तीन निरस्त कृषि कानूनों को बहाल करने के लिए कहने का आग्रह किसानों से किया था.

कंगना ने क्या कहा था

बीते 23 सितंबर को हिमाचल के नाचन विधानसभा में एक धार्मिक मेले में बोलते हुए अभिनेत्री से सांसद बनी कंगना ने कहा था कि ये कानून किसानों की बेहतरी के लिए बनाए गए हैं.

उन्होंने कहा था, ‘मेरा मानना ​​है कि निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए. मैं समझती हूं कि यह विवादास्पद हो सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि किसानों के कल्याण के लिए बनाए गए इन कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए. किसानों को खुद इन कानूनों की मांग करनी चाहिए. जिस तरह दूसरे क्षेत्रों के किसानों को फायदा हो रहा है, उसी तरह उनके विकास में भी कोई बाधा नहीं आनी चाहिए.’


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‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से तुलना

रनौत ने तीनों कृषि कानूनों की तुलना प्रस्तावित एक देश एक चुनाव से भी की. उन्होंने कहा, ‘किसान हमारे देश का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं. जिस तरह ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पहल से नौकरशाहों और सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा, जिन्हें अक्सर चुनाव ड्यूटी पर जाना पड़ता है, उसी तरह किसानों को भी तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग करनी चाहिए, जिनका विरोध केवल कुछ राज्यों ने किया था. मैं उनसे हाथ जोड़कर इन कानूनों को फिर से लागू करने की मांग करने का आग्रह करती हूं.’

बयान वापस लेकर दी सफाई

किसान यूनियनों और राजनीतिक दलों, जिनमें स्वयं उनका अपना दल भी शामिल है, की तीखी प्रतिक्रिया के बाद कंगना रनौत ने बुधवार को अपना बयान वापस लेते हुए कहा कि सफाई दी है और कहा कि ये उनके निजी विचार थे.

-भारत एक्सप्रेस

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