Bharat Express

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को बड़ा झटका, मायावती ने आनंद मोहन की रिहाई पर नीतीश कुमार पर बोला हमला

Mayawati: बसपा सुप्रीमो मायावती ने बिहार के मुख्यमंत्री को घेरते हुए बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की तैयारी पर सवाल उठाए हैं.

MAyawati and Nitish Kumar

मायावती और सीएम नीतीश कुमार

Lok Sabha Election 2024: देश में अगले साल होने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में लगे हुए हैं. उनकी कोशिश एक हद तक सफल होती हुई नजर आई कि अब उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मयावाती ने उन पर करारा हमला बोला है. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री को घेरते हुए बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई की तैयारी पर सवाल उठाए हैं. आनंद मोहन आईएएस (IAS) अधिकारी रहे जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.

ऐसे में मायावती ने उनकी रिहाई की तैयारियों को लेकर सीएम नीतीश पर हमला बोला है. इसके साथ ही उन्होंने इस मामले को दलितों के अपमान से जोड़ा है. वहीं दूसरी तरफ सीएम नीतीश कुमार ये साफ कर चुके हैं कि आनंद मोहन की रिहाई के लिए जो संभव होगा वह उसकी कोशिश करेंगे.

यह भी पढ़ें-  Amritpal singh Arrest: खालिस्तानी अलगाववादी भिंडरावाले के गांव से पकड़ा गया अमृतपाल सिंह, गिरफ्तारी से पहले मोगा के गुरुद्वारे में दिया प्रवचन

‘देशभर के दलित समाज में काफी गुस्सा है’

बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “आनन्द मोहन बिहार में कई सरकारों की मजबूरी रहे हैं, लेकिन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम कृष्णैया की हत्या मामले को लेकर नीतीश सरकार का यह दलित विरोधी और अपराध समर्थक कार्य से देश भर के दलित समाज में काफी रोष है. चाहे कुछ मजबूरी हो लेकिन बिहार सरकार इस पर जरूर पुनर्विचार करे”.

वहीं उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आन्ध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है.

कैसे हो पाएगी विपक्षी एकता ?

लोकसभा चुनाव से भलें सीएम नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने लगे हों. लेकिन उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं. जिस पर सभी पार्टियों की नजर होती है. ऐसे में यूपी ही विपक्षी गठबंधन से अलग को हो गया. विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगेगा. क्योंकि अखिलेश यादव पहले से ही कांग्रेस से दूरी बनाते रहें हैं वहीं अब मायावती ने भी अपने तेवर दिखा दिए हैं. ऐसे में चुनाव से पहले विपक्ष कैसे एकजुट होगा. यह देखना दिलचस्प होगा.

– भारत एक्सप्रेस

Bharat Express Live

Also Read