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Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा के वक्त गर्भ गृह में मौजूद रहेंगे PM Modi समेत ये पांच लोग, जानें क्या हैं सियासी मायने

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत भी राम मंदिर के गर्भगृह में मौजूद रहेंगे, जिसका अपना राजनीतिक और सामाजिक महत्व है.

पीएम मोदी

पीएम मोदी

Ram Mandir: अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की रूपरेखा तय हो चुकी है. मुख्य प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होगा, लेकिन पूजा-अनुष्ठान जैसे कार्यक्रम 15 जनवरी से ही शुरू हो जायेंगे. सूत्रों के मुताबिक, भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को दोपहर 12:15 से 12:45 बजे के बीच होगा. प्राण प्रतिष्ठा के दौरान राम मंदिर के गर्भगृह में सिर्फ पांच लोग ही मौजूद रहेंगे, जिसमें पीएम मोदी मुख्य यजमान होंगे. सूत्रों के मुताबिक, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान गर्भ गृह में पीएम मोदी के अलावा संघ प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ और राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास रहेंगे.

जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी 22 जनवरी को रामलला की मूर्ती को गर्भ गृह में स्थापित करेंगे, इसके बाद भगवान की आंखों की पट्टी खोली जाएगी और आईना दिखाया जाएगा. तय कार्यक्रम के अनुसार इसके बाद पीएम मोदी भगवान राम की मूर्ती की आंखों में सोने के सिक्के से काजल लगाएंगे. रामलला की महा आरती भी पीएम मोदी ही करेंगे. इस दौरान गर्भ गृह में रहने वाले पांचों लोग राम भगवान की आरती करेंगे. हालांकि, गर्भ गृह में रहने वाले लोगों के नाम सामने आने के बाद इसे राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा सकता है.

रामलला के मुख्य यजमान पीएम मोदी

बता दें कि 22 जनवरी को पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी मुख्य यजमान होंगे. पीएम मोदी के कार्यकाल में ही राम मंदिर का सपना साकार हुआ है. प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने भले ही राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया है, लेकिन बीजेपी नेता इसका श्रेय पीएम मोदी को दे रहे हैं.

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करीब पांच सौ साल से लोग अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सपना देख रहे थे, जो अब पूरा हो गया है. इसका अपना धार्मिक महत्व भी है और राजनीतिक महत्व भी. हिंदू नेता के तौर पर पीएम मोदी की छवि और भी मजबूत होगी. आडवाणी-अटल के नेतृत्व में बीजेपी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मुहिम को आगे बढ़ाया था, लेकिन इसे मंजिल तक पहुंचाने का काम नरेंद्र मोदी ने किया और इसका श्रेय पीएम मोदी को ही दिया जा रहा है. कहीं न कहीं इसका राजनीतिक फायदा बीजेपी 2024 में उठाना चाह रही है.

संघ प्रमुख मोहन भागवत

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत भी राम मंदिर के गर्भगृह में मौजूद रहेंगे, जिसका अपना राजनीतिक और सामाजिक महत्व है. राम मंदिर निर्माण को इस मुकाम तक पहुंचाने में संघ का बड़ा योगदान रहा है.

-भारत एक्सप्रेस

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