
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल
एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने को लेकर 20 दिसंबर को दिए गए आदेश का पालन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को 2 जनवरी तक का समय दे दिया है.
कोर्ट में सरकार ने क्या कहा?
मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल ने कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए समय की मांग की जिसपर कोर्ट ने कहा कि पंजाब का एक आवेदन है, कल भेजा गया है. आप कुछ और समय मांग रहे है? पंजाब सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल ने कहा कि कुछ हस्तक्षेपकर्ता गए थे, डल्लेवाल से बात करने के लिए. कल दो बातें हुईं है. सबसे पहले, पंजाब बंद का ऐलान किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप पूरे पंजाब में जाम लग गया. दूसरा केंद्र सरकार का प्रस्ताव है कि अगर उन्हें बात करने का मौका मिले तो डल्लेवाल चिकित्सा सहायता लेने के लिए तैयार है.
पंजाब सरकार को दिया गया समय
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशू धुलिया की बेंच ने सभी पक्षों की सहमति के बाद पंजाब सरकार को 2 जनवरी तक का समय दे दिया है. पिछली सुनवाई में किसान नेता और किसानों के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि एक बीमार व्यक्ति (डल्लेवाल) को ईलाज ले जाने से रोकना क्रिमनल ऑफेंस है. वही जस्टिस सुधांशु धुलिया ने कहा था कि किसी को मेडिकल के लिए हॉस्पिटल ले जाने से रोकना आत्महत्या के लिए उकसाने के समान है.
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कोर्ट ने कही ये बात
जस्टिस सूर्यकांत ने पंजाब सरकार से कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने से रोकने वालों के साथ कैसे निपटना है, आपको बेहतर पता है, अगर पंजाब सरकार को केंद्र से कोई सहायता चाहिए तो हम आदेश देने के लिए तैयार है. कोर्ट ने कहा कि हम इतना जानते है कि कोर्ट के आदेश का पालन हर हाल में होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें आश्चर्य है कि कुछ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल नही ले जाने दे रहे हैं, वे किसान नेता है या कुछ और? कोर्ट ने कहा कि आखिर एओ चाहते क्या है. किसानों पर आरोप है कि वो डल्लेवाल को अस्पताल में शिफ्ट होने नही दे रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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