देश

Ram Mandir Ayodhya: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर 5 लाख से ज्यादा मंदिरों में होगी विशेष पूजा, ट्रस्ट 5 नवंबर को सेवकों को सौंपेगा यह बड़ी जिम्मेदारी

Ram Mandir : श्रीराम की नगरी अयोध्‍या में कई सदियों बाद अगले वर्ष रामलला की प्रतिमा श्रीराम जन्‍मभूमि मंदिर में विराजमान होगी. रामलला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा के महोत्सव मनाने के लिए रामलला के सामने अक्षत पूजन किया जाएगा. पूजित अक्षत को पूरे देश में वितरण का काम विश्व हिंदू परिषद के पूरे देश के 50 केंद्रों से कार्यकर्ता क्रमबद्ध तरीके से लोगों तक पूजित अक्षत को पहुंचाएंगे. यह सूचना आज राम मंदिर ट्रस्ट ने दी.

देशभर के पांच लाख गांवों में पूजित अक्षत पहुंचाया जाएगा

श्रीरामजन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट ने मंगलवार, 31 अक्‍टूबर को ट्विटर हैंडिल पर कहा, ”श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राणप्रतिष्ठा दिवस अर्थात् 22 जनवरी 2024 पर देश भर के 5 लाख से अधिक मंदिरों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रण हेतु ‘पूजित अक्षत’ 5 नवंबर को देश भर के 45 प्रांतों से अयोध्या धाम पधारे कार्यकर्ताओं को समर्पित किये जाएंगे. इस पूजित अक्षत को वे सभी कार्यकर्ता अपने प्रांतो में ले जायेंगे. इस अक्षत के माध्यम से देश के सभी शहर और ग्राम में जनमानस को उत्सव हेतु आमंत्रित किया जाएगा.”

बैंक खातों में अभी 3000 करोड़ से ज्यादा की धनराशि शेष

वहीं, विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रमुख रूप से 1 जनवरी से 15 जनवरी तक हिंदुस्तान के पांच लाख गांव में पूजित अक्षत पहुंचाया जाएगा. सोशल मीडिया पर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने निर्माणाधीन राममंदिर की तस्‍वीरें शेयर कीं. चंपत राय ने बताया कि वर्ष 2020 से 31 मार्च 2023 तक निर्माण कार्य में और उससे जुड़े हुए कार्य में कुल 900 करोड रुपए खर्च हुए हैं. उन्‍होंने कहा, ‘अभी रामलला के बैंक खातों में फिक्स और बचत खाते में लगभग 3000 करोड़ से ज्यादा की धनराशि बनी हुई है. रामलला के मंदिर निर्माण और से जुड़े कार्य के लिए खर्च में प्रमुख रूप से प्रति-दिन मंदिर के चढ़ावे को ही लिया जा रहा है.’

यह भी पढ़िए: Ayodhya: राम मंदिर में 12 घंटे में 75 हजार लोग कर सकेंगे दर्शन, निर्माण-कार्य में अब तक खर्च हो चुके 900 करोड़ रुपये

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा और पूजन पद्धति को समिति बनी

चंपत राय ने कहा कि निधि समर्पण अभियान में समर्पित हुई धनराशि को बहुत थोड़ा ही राम लला के मंदिर निर्माण में इस्तेमाल किया गया है. उन्‍होंने कहा कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा और भगवान के पूजन पद्धति को लेकर धार्मिक समिति बनी है, जिसमें महंत नृत्य गोपाल दास, गोविंद देव गिरी चंपत राय अनिल मिश्रा के साथ-साथ अयोध्या के रामानंद दास कमलनयन दास मैथिली शरण समेत 4 संतों को शामिल किया गया है. धार्मिक समिति भगवान के प्राण प्रतिष्ठा भगवान के श्रृंगार वस्त्र भगवान की पूजा पद्धति पर काम करवाएगी. रामनगरी में रामानंदी प्रथा से भगवान का पूजन अर्चन होता है, इसलिए रामलला का पूजन अर्चन भी रामानंदी प्रथा से कराया जा सकता है.

— भारत एक्सप्रेस

Bharat Express

Recent Posts

भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा का बड़ा बयान- मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे में पहले राष्ट्रगान हो

कांग्रेस ने गुरुवार को जल जीवन मिशन में बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाते हुए…

12 mins ago

MahaKumbh 2025: महाकुंभ से पहले महामना मदन मोहन मालवीय पार्क का होगा सौंदर्यीकरण, पार्क में लगेगी उनकी प्रतिमा

MahaKumbh 2025: प्रयागराज के महामना मदन मोहन मालवीय पार्क का सौंदर्यीकरण कार्य जारी है, जिसमें…

26 mins ago

अगले सीजन की शुरुआत में देश में 56 लाख टन चीनी का सरप्लस होगा, 20 लाख टन कर सकते हैं निर्यात

चीनी की कीमतें मिलों की उत्पादन लागत 41,000 रुपये प्रति टन से काफी नीचे आ…

28 mins ago

मध्य दिसंबर तक प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.45% बढ़कर 15.82 लाख करोड़ रुपये पहुंचा

इस साल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 16.45% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसमें व्यक्तिगत…

45 mins ago

भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेशों ने 2024 में नया रिकॉर्ड स्थापित किया, देखिए आंकड़े

Indian Realty Institutional Investments: वर्ष 2024 में भारत का रियल एस्टेट सेक्‍टर अभूतपूर्व गति पकड़…

59 mins ago

2030 तक देश की GDP में 120 अरब डॉलर का योगदान दे सकते हैं Startups: Kalaari Capital

2023 में भारतीय स्टार्ट-अप्स ने देश की GDP में 35 अरब डॉलर का योगदान दिया…

1 hour ago