RSS हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए सक्रिय
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अब दुनिया के दो सबसे बड़े धर्मों हिंदू-मुस्लिम के बीच दिलों की दूरियों को कम करने का काम करेगा. RSS प्रमुख मोहन भागवत संघ के 100 साल पूरे होने से पहले हिंदू-मुस्लिम के बीच की खाई को पाटने का काम करेंगे. प्रयागराज की धार्मिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक धरती से उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर संघ को गांव-गांव के विस्तार करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है.
संघ 2025 में अपना शताब्दी वर्ष पूरा करेगा. लेकिन उससे ठीक एक साल पहले लोकसभा चुनाव होना है. जिसमें बीजेपी को एक बार फिर से सत्ता पर काबिज कराने के लिए RSS का हमेशा की तरह इस बार भी अहम रोल होगा. प्रयागराज के गौहनियां स्थित वात्सल्य स्कूल परिसर में मोहन भागवत ने केंद्रीय पदाधिकारियों के सहयोग से तमाम कार्यक्रमों का खाका खींचना शुरू कर दिया है.
प्रयागराज RSS की रणनीति का केंद्र
दरअसल प्रयागराज में 16 से 19 अक्टूबर के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक होनी है. इस बैठक की चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोर-शोर से चल रही है. दरअसल प्रयागराज में साल 2025 में महाकुंभ का भी आयोजन होना है और इसी साल संघ अपना 100 साल भी पूरा कर रहा है. इन सब के बीच इससे महज एक साल पहले यानि 2024 में देश में लोकसभा चुनाव होना है. इन्ही की तैयरियों के मद्देनजर संघ हिंदू-मुस्लिम एकजुटता पर खासतौर पर जोर देगा.
16 अक्टूबर को संघ प्रमुख मोहन भागवत के नेतृत्व में कार्यकारी मंडल की बैठक के दौरान तमाम कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर होने जा रही इस अहम बैठक में गांव-गांव संघ की शाखाएं लगाने सहित हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई पाटने पर भी चर्चा होगी.
दक्षिण भारत पर भी नजर
RSS 2024 में एक बार फिर देश में बीजेपी का कमल खिलाने के लिए कमर कस रहा है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बैठकों का दौर शुरु कर दिया है. RSS इस बार हिंदू-मुस्लिम एकता पर तो जोर दे ही रहा है, साथ ही उसकी नजर उन दक्षिण भारत के राज्यों पर भी है जहां बीजेपी अब तक कोई कमाल नही कर सकी है. सूत्रों के मुताबिक आरएसएस तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु समेत दक्षिण के कई प्रदेशों कमल खिलाने की योजना पर काम कर रहा है.
-भारत एक्सप्रेस