
2008 मुम्बई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा के अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण से पहले बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. यह बैठक नॉर्थ ब्लॉक स्थित गृह मंत्रालय कार्यालय में हुई. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण और उससे जुड़े रणनीतिक पहलुओं पर चर्चा हुई. तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. ऐसे में यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है.
तहव्वुर राणा को भारत लाने के लिए भारतीय एजेंसियों की एक टीम विशेष विमान से भारत के लिए उड़ान भर चुकी है. ये विमान बीच में एक अज्ञात जगह पर कुछ देर के लिए ठहरेगा और फिर जब वो उड़ान भरेगा तो आज देर रात या कल सुबह तड़के भारत पहुंचेगा.
खुफिया एजेंसियां करेंगी पूछताछ
बताया जा रहा है कि भारत लाए जाने के बाद तहव्वुर राणा को सबसे पहले NIA कोर्ट में पेश किया जाएगा. वहां से उसकी कस्टडी मिलने के बाद खुफिया एजेंसियां उससे पूछताछ करेंगी. सूत्र बताते हैं कि पहले तहव्वुर राणा की कस्टडी NIA को मिलेगी और फिर मुंबई पुलिस को उससे पूछताछ का मौका दिया जाएगा.
वहीं इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कर रहे हैं. तहव्वुर को भारत लाए जाने से पहले दिल्ली में NIA दफ्तर के बाहर सुरक्षा सख्त कर दी गई है. वहीं ये भी खबर है कि दिल्ली और मुंबई की एक जेल को तैयार किया जा रहा है
फरवरी में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रत्यर्पण की घोषणा की थी
हाल ही में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की भारत में प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद भारत प्रत्यर्पित किए जाने से बचने की उसकी अंतिम कोशिश भी नाकाम हो गई थी. भारत में जांच अधिकारियों का हमेशा से मानना रहा है कि राणा हेडली से ‘बड़ा अपराधी’ है और उसका भारत प्रत्यर्पण देश के आतंकवाद विरोधी अभियान के लिए एक बड़ी सफलता होगी.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस यात्रा के दौरान भारत को उसके प्रत्यर्पण की घोषणा की थी. उन्होंने पीएम मोदी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके प्रशासन ने ‘दुनिया के सबसे बुरे व्यक्ति’ राणा को ‘भारत में न्याय का सामना करने के लिए’ प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है.
पहले पाकिस्तानी सेना में था डॉक्टर
1961 में पाकिस्तान में जन्मा राणा, पाकिस्तानी सेना में एक डॉक्टर के तौर पर काम कर चुका है. बाद में वह कनाडा चला गया और इमिग्रेशन सर्विस व्यवसायी बन गए. आतंकी हमलों से पहले, वह मुंबई गया था और ताज होटल में रुका था, जहां 26 नवंबर, 2008 को लश्कर आतंकियों ने हमला किया था.
166 लोगों ने गंवाई थी जान
बता दें 26 नवंबर 2008 की रात को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ हमला किया था. उन्होंने दो पांच सितार होटलों, एक अस्पताल, रेलवे स्टेशनों और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाया. हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे. हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था जिनमें से 9 को मार गिराया गया. हमले में शामिल एक आतंकी अजमल कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया जिसे 21 नवंबर, 2012 को पुणे के यरवडा जेल में फांसी दे दी गई.
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-भारत एक्सप्रेस
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