Punjab-Haryana High Court
चंडीगढ़ में सेक्टर 2 में स्थित पंजाब के मुख्यमंत्री आवास के सामने की सड़क को आम आदमी के लिए खोलने के आदेश के खिलाफ दायर AAP सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस को नोटिस जारी किया है, इस मामले को लेकर सितंबर तक जवाब देने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है.
“दुर्भाग्य से हाल के वर्षों में आतंकवाद फिर से लौट”
पंजाब के एडवोकेट जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दुर्भाग्य से हाल के वर्षों में आतंकवाद फिर से लौट आया है. हमारी इंटैलिजेंस इमारत पर हथगोले फेंके गए. सिद्धू मुसेवाला को मार दिया गया. चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के लिए पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने समर्थन करते हुए कहा कि यह किसी के जीवन के साथ खिलवाड़ है. पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री के सुरक्षा के लिहाजा से हाइकोर्ट के आदेश पर रोक लगनी चाहिए.
जानें क्या है पूर मामला
बता दें कि पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने पिछले दिनों चंडीगढ़ पुलिस को 1 मई से ट्रायल के आधार पर पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास के सामने के रोड के एक हिस्से को आम आदमी के लिए खोलने का निर्देश दिया था. ताकि सड़कों पर लग रहे जाम से निजात मिल पाएगा. ये सड़क 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर में मुख्यमंत्री आवास के सामने बंद कर दी गई थी.
दरअसल, 26 अप्रैल को जारी अपने आदेश में हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के डीजीपी और एसएसपी को इस सड़क के लिए ट्रैफिक विशेषज्ञों की मदद से ट्रैफिक प्रबंधन योजना बनाने का निर्देश दिया था, ताकि आम लोगों की आवाजाही में आसानी हो. पीठ ने सुझाव दिया था कि शुरुआत में कार्य दिवसों पर यानी वीक डेज में सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक सड़क खोली जानी चाहिए. इससे पहले नवंबर 2023 में सड़क को आम जनता के लिए खोलने का सुझाव देते हुए हाईकोर्ट की बेंच ने कहा था कि 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर में सड़क बंद कर दी गई थी और तब से चीजों में बड़ा बदलाव आया है.
-भारत एक्सप्रेस
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