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Hathras Gangrape Case: हाथरस गैंगरेप मामले में SC-ST कोर्ट ने सुनाया फैसला, तीन आरोपी बरी, एक दोषी करार, HC जाएगा पीड़ित पक्ष

Hathras SC-ST Court: कोर्ट ने आरोपी संदीप ठाकुर को 3/110 और 304 का दोषी माना है. जबकि तीन आरोपियो को बरी कर दिया गया है. हालांकि कोर्ट के इस फैसले के बाद से पीड़ित पक्ष संतुष्ट नहीं है.

HATHRAS

हाथरस गैंगरेप मामले में SC-ST कोर्ट ने सुनाया फैसला (फोटो ट्विटर)

Hathras Gangrape: हाथरस गैंगरेप मामले में एससी-एसटी कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा सुनाया है. कोर्ट ने चार आरोपियों में से तीन को बरी कर दिया है, जबकि एक आरोपी संदीप ठाकुर को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने संदीप गैर इरादतन हत्या और एससी-एसटी एक्ट में दोषी माना है. वहीं इस मामले में अब कोर्ट आज सजा का ऐलान भी कर सकता है. इस मामले में कुल चार लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिसमें युवती के गांव के रहने वाले संदीप ठाकुर, रवि, रामू और लव-कुश शामिल थे.

बता दें कि चारों आरोपियों की पेशी कोर्ट में सुबह 11 बजे की गई थी. फैसले को देखते हुए कोर्ट में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था. वहीं खबरों के मुताबिक यह भी जानकारी सामने आई है कि चारों आरोपियों में से किसी पर भी गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ है.

पीड़ित पक्ष फैसले से असंतुष्ट

कोर्ट ने आरोपी संदीप ठाकुर को 3/110 और 304 का दोषी माना है. जबकि तीन लोगों को बरी कर दिया गया है. हालांकि कोर्ट के इस फैसले के बाद से पीड़ित पक्ष संतुष्ट नहीं है और वो इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख कर सकता है. वहीं पीड़िता के वकील ने कहा है कि वह फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे.

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क्या था पूरा मामला ?

बता दें कि पिछले साल 14 सितंबर 2020 को हाथरस में दलित लड़की के साथ कुछ युवकों ने गैंगरेप किया था. जिसके बाद 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में युवती की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मामला बढ़ने पर योगी सरकार को विरोध का काफी सामना करना पड़ा था. वहीं पीड़िता के बयान के आधार पर गांव के ही चार लोगों को आरोपी बनाया गया था. अब कोर्ट ने इन आरोपियों में से एक को दोषी करार दिया है जबकि तीन को बरी कर दिया है.

यह दर्दनाक घटना पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बूलगढ़ी गांव में हुई थी. जब एक 19 साल की दलित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया. जिसके बाद उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था. इस मामले में एक ही गांव के चार ऊंची जाति के ठाकुरों पर आरोप लगा था. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान 15 दिन बाद उसकी मौत हो गई थी.

– भारत एक्सप्रेस

 



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