

2019 Jamia Nagar Violence: दिल्ली के जामिया नगर में हुई हिंसा मामले में साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम को प्रमुख आरोपी करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि शरजील न सिर्फ भड़काने वाला था, बल्कि हिंसा भड़काने की साजिश का सरगना भी था. इस मामले में शरजील इमाम समेत कुल 11 लोगों पर आरोप तय किए गए हैं, जबकि 15 अन्य को बरी कर दिया गया है.
साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम के खिलाफ आरोप तय करते हुए कहा कि उसने चक्का जाम के लिए केवल एक समुदाय को उकसाया, जिससे पूरे क्षेत्र में हिंसा फैल गई. कोर्ट के मुताबिक, शरजील ने अपने भाषण के जरिए एक समुदाय के मन में क्रोध और घृणा की भावना पैदा की. इसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक सड़कों पर हिंसा हुई, जिसे किसी भी हाल में शांतिपूर्ण नहीं माना जा सकता है.
कोर्ट ने शरजील के वकील की दलीलें नकारीं
कोर्ट ने शरजील के वकील की दलीलों को नकारते हुए कहा कि उसकी तरफ से दिए गए भाषण का असर हिंसा के रूप में हुआ, और इस पर उसे आपराधिक जिम्मेदारी से बचाया नहीं जा सकता. कोर्ट ने शरजील के खिलाफ धारा 109 और 153A के तहत आरोप तय किए हैं, जो उसके सांप्रदायिक उकसावे और हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं.
दंगा मामले में आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई
इस मामले में शरजील इमाम के साथ आशु खान, चंदन कुमार और आसिफ इकबाल तन्हा पर भी आरोप तय किए गए हैं. हालांकि शिफा उर रहमान, मोहम्मद आदिल, रूहुल अमीन, मोहम्मद जमाल, मोहम्मद उमर, मोहम्मद शाहिल, मुदस्सिर फहीम हासमी, मोहम्मद इमरान, साकिब खान, तंजील अहमद चौधरी, मुनीब मियां, सैफ सिद्दीकी, शाहनवाज और मो. यूसुफ को कोर्ट ने बरी कर दिया है.
शस्त्र अधिनियम की कार्रवाई और अन्य आरोप
साकेत कोर्ट ने शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज किए गए मामलों में भी किसी के खिलाफ आरोप तय नहीं किए. इस मामले में हिंसा के दौरान शस्त्रों के इस्तेमाल के संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं मिले, जिससे आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी. वैसे इस मामले में कई अन्य आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी.
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